अर्पित गुप्ता
गाजियाबाद। फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ होने के बाद से
चल रही जांच के तहत पुलिस जांच अधिकारी कविनगर के थाना प्रभारी अनिल शाही ने डीएम को कई
और शस्त्र लाइसेंस के फर्जी होने की रिपोर्ट दी है। इस मामले की गंभीरता को देख डीएम के आदेश पर
वर्ष 2012 से अब तक के शस्त्र लाइसेंस से जुड़े दस्तावेजों को पुलिस ने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी
है। शस्त्रों का दोबारा से वैरीफिकेशन होगा, जिसके तहत कई लाइसेंस फर्जी तरीके से बनने का खुलासा
हो सकेगा।
बता दें कि गत माह डीएम अजय शंकर पांडेय व एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने संयुक्त जांच के दौरान
पांच शातिरों को गिरफ्तार कर जिले में फर्जी शस्त्र लाइसेंस लाखों रुपए लेकर बनाने वाले गिरोह का
पर्दाफाश किया था। इस प्रकरण की जांच कर रहे कविनगर थाना प्रभारी अनिल शाही के नेतृत्व में टीम
ने आरोपियों से डासना जेल में पूछताछ के बाद पाया कि गैंग काफी समय से फर्जी लाइसेंस बनाने का
धंधा चला रहे थे। शाहजहांपुर से लेकर इनका धंधा अन्य जिलों के अलावा मध्य प्रदेश सहित कई प्रांतों
तक फैला हुआ है।
जिला प्रशासन को इस गैंग की गतिविधियों व संचालन की जानकारी एक गोपनीय पत्र से भी मिली है,
पत्र में नाम का उल्लेख नहीं है, लेकिन इस पत्र में गैंग के नेटवर्क का पूरा ब्यौरा, सम्पत्ति का विवरण
तक दे रखा है। पुलिस जांच के तहत कई शस्त्रों के फर्जीवाड़े का पता चलने की जानकारी जांच अधिकारी
ने डीएम को दी। डीएम अजय शंकर पांडेय के निर्देश पर शस्त्र अनुभाग के लिपिक वीर सिंह से वर्ष
2012 से अब तक के शस्त्र लाइसेंस से जुड़े दस्तावेजों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। शस्त्र रजिस्टर
को भी चैक किया जा रहा है। जांच अधिकारी अनिल शाही का कहना है कि शस्त्र लाइसेंसो का दोबारा से
वैरीफिकेशन पुलिस टीम से कराया जायेगा। शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़ा प्रकरण में पुलिस की इस कार्यवाही
से जिला प्रशासन में कार्यरत कर्मचारियों के बीच खलबली मची हुई है।
शाहजहांपुर से बनवाए फर्जी लाइसेंस : ध्यान रहे कि इस धंधे में शामिल शातिरों को पुलिस टीम ने जब
पकड़ा था तब 17 अन्य शस्त्र लाइसेंसों के आवेदनों को इस गिरोह के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के
शाहजहांपुर से फर्जी लाइसेंस बनवा कर उन्हें गाजियाबाद ट्रांसफर कराने के लिए आवेदन किया था।
लेकिन आवेदन पत्र में गलत यूआईएन नंबर दर्ज होने के कारण यह फर्जीवाड़ा गाजियाबाद जिला प्रशासन
की पकड़ में आ गया था। गिरफ्तार किए गए पांच लोगों में तीन लोग गाजियाबाद के रहने वाले हैं,
जिनका लाइसेंस गाजियाबाद में ट्रांसफर कराना था जबकि दो लोग शाहजहांपुर के निवासी हैं। इनमें से
एक गन हाउस चलाता है।
संविदाकर्मी भी थे शामिल : इस फर्जीवाड़े में शाहजहांपुर जिला मुख्यालय के दो संविदा कर्मचारी भी
शामिल बताए जा रहे हैं, दोनों आरोपी मामला सामने आने के बाद से फरार हैं। मामला प्रकाश में आने
के बाद जिलाधिकारी ने शासन को रिपोर्ट भेजकर इस तरह के मामले अन्य जिलों में भी होने की
संभावना जताई थी। इसके आधार पर प्रमुख सचिव ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में जांच बैठा दी है।