बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के खिलाफ बिलासपुर के
कलेक्टर ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में मुकदमा दर्ज करवाया है। बिलासपुर कलेक्टर के प्रतिवेदन
पर कल देर रात यहां के सिविल लाईन थाने में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग
(सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन)नियम 2013 की धारा 10 (1)के तहत मुकदमा दर्ज
किया गया है।यह गैर जमानती अपराध है और सिद्ध होने पर दो वर्ष के कारावास की सजा का प्रावधान
है।
श्री जोगी की जाति मामले को उच्च न्यायालय के निर्देश पर गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने
उनके कंवर आदिवासी होने के सभी प्रमाण पत्रों को निरस्त करते हुए बिलासपुर कलेक्टर को इन
प्रावधानों के तहत मुदकमा दर्ज करवाने का दो दिन पूर्व आदेश दिया था। आदिम जाति कल्याण विभाग
के सचिव डी.डी.सिंह की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय छानबीन समिति ने शासन को सौंपी अपनी
रिपोर्ट में श्री जोगी को आदिवासी नही माना। समिति ने बिलासपुर के पुलिस अधीक्षक को जोगी को
जाति के सम्बन्ध में पूर्व में जारी सभी प्रमाण पत्रों को जप्त करने का भी निर्देश दिया है।
श्री जोगी की जाति को लेकर उऩके खिलाफ मरवाही सीट से भाजपा के टिकट पर पूर्व में चुनाव लड़ चुके
संतकुमार नेताम ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में शिकायत की थी,जिस पर आयोग ने
श्री जोगी को नोटिस जारी किया था। श्री जोगी इसके खिलाफ बिलासपुर उच्च न्यायालय में याचिका
दाखिल कर आयोग के अधिकार को चुनौती थी। उच्च न्यायालय ने जोगी की याचिका स्वीकार कर दिए
निर्णय में कहा था कि आयोग को जाति का निर्धारण, जांच और फैसला देने का अधिकार नही है।नेताम
इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय गए। जिस पर उच्चतम न्यायालय ने राज्य सरकार से उच्च स्तरीय
समिति बनाकर जाति प्रकरण का निराकरण करने का आदेश दिया था।