नई दिल्ली, 10 नवंबर (वेबवार्ता)। मंगलवार रात को पीएम मोदी ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 500 और 1000 के नोट बंद कर दिए। पीएम मोदी के इस फैसले के बाद कालाधन रखने वालों के लिए शामत आ गई है। इसके साथ ही एक बात और जान लेनी बेहद जरूरी है कि सरकार ने 500 और 2000 के जो नए नोट जारी किए हैं उनकी नकल कर पाना लगभग नामुमकिन है।
खुफिया एजेंसियां इन नये नोटों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं क्योंकि इन नोटों में जो सुरक्षा मापदंड अपनाए गए हैं, आने वाले कुछ समय तक पाकिस्तान या किसी अन्य आपराधिक नेटवर्क के लिए लगभग नामुमकिन है। दरअसल नए नोटों में कई सुरक्षा फीचर्स दिए गए हैं।
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत करते हुए सुरक्षा अधिकारी ने बताया है कि सुरक्षा के लिए लिहाज से इन नोटों पर भरोसा किया जा सकता है। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि रॉ और आईबी ने पिछले कई महीनों तक खुफिया रूप से छप रहे नोटों की जांच की है।
हालांकि इस अधिकारी ने यह बताने से इनकार कर दिया कि नोटों पर किस तरह के और कितने सुरक्षा फीचर्स हैं लेकिन इतना आश्वासन जरूर दिया है कि पाकिस्तान के लिए इसकी नकल करना लगभग नामुमकिन है।
आपकी जानकारी के लिए यह भी बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान भारी मात्रा में 500 और 1000 के नोट छापा करता था और उसकी यह फैक्ट्री पेशावर में है। इतना ही नहीं जहां पर यह नोट छपते थे वहां पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआईएस की कड़ी निगरानी रहती है।
आईएसआई दाऊद इब्राहिम, लश्कर-ए-तैयबा और अन्य अंतरराष्ट्रीय आपराधिक समूहों, जैसे अपने नेटवर्क के जरिये यह नकली मुद्रा भारत में पहुंचाती है। रिजर्व बैंक और सरकार को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया था कि कुछ साल पहले पाकिस्तानी मशीनरी ने नकली भारतीय नोट छापने में जीरो एरर हासिल कर लिया था। एक अनुमान के अनुसार पाकिस्तान हर साल 70 करोड़ रुपये के नकली नोट भारत में भेजता है। इस रकम का इस्तेमाल आतंकवाद और देश में अव्यवस्था फैलाने में भी होता है।