शालू और पिंक फ्रॉक

asiakhabar.com | August 28, 2019 | 3:29 pm IST

कार्तिक गुप्ता

मैं यह पिंक फ्रॉक लेकर रहूंगी। शालू ने मम्मी से जोर देकर कहा। पर तुम्हारे पास तो ऐसी कई फ्रॉक हैं
बेटी मम्मी ने उसे मनाते हुए कहा। उस समय तो शालू उनकी बात मान गई, लेकिन उसे रात में भी
उसी फ्रॉक के सपने आते रहे…।
उसने सपने में देखा कि उसकी मम्मी ने वही पिंक फ्रॉक उसे दिला दी है और वह बहुत खुश है। सुबह हो
गई थी, इसलिए मम्मी ने उसे जगाया। उठते ही वह उनके गले लग गई। अरे शालू क्या हुआ? मम्मी ने
पूछा तो उसने सपने वाली बात उन्हें बता दी। वे हंस पड़ीं और उन्होंने उसे समझाया कि यह हकीकत
नहीं, सपना था। उनके इतना कहते ही शालू उदास हो गई। वह सचमुच उस फ्रॉक को खरीदना चाहती
थी। उस दिन रविवार था। इसलिए वह नाश्ता कर अपनी सहेली के घर खेलने के लिए निकल पड़ी।
सहेली का घर थोड़ी दूरी पर था, इसलिए मम्मी उसे छोड़ने जा रही थीं। तभी रास्ते में शालू ने सड़क
किनारे बैठी हुई एक लड़की को देखा। उसके कपड़े फटे-पुराने और गंदे थे। शालू ने मम्मी से पूछा, इस
लड़की के कपड़े ऐसे क्यों हैं? तो उन्होंने जवाब दिया, बेटी, वह बहुत गरीब है और उसके पास पहनने
के लिए अच्छे कपड़े भी नहीं हैं। वह अपना पेट भरने के लिए भीख मांग रही है। उसकी तरह और भी
कई लोग हैं, जिनके पास न पेट भरने के लिए भोजन है और न पहनने के लिए कपड़ा और न रहने के
लिए घर। शालू को यह सुनकर बहुत आश्चर्य हुआ। उसके मन में कई सवाल थे। जैसे कि ऐसे लोग कहां
से आते हैं और इन्हें ऐसा कौन बनाता है आदि। लेकिन इन सब सवालों के जवाब जानने के लिए वह
बहुत छोटी थी। इसलिए उसकी मम्मी ने इन सब बातों को समझने के लिए उस पर दबाव भी नहीं
डाला। जब शालू अपनी सहेली के घर से वापस आ रही थी, तो सामने दुकान में वही पिंक फ्रॉक टंगी
दिखाई दी। मम्मी ने बिना कुछ कहे उसे वह फ्रॉक दिला दी, लेकिन शालू इससे खुश नहीं हुई। चलते-
चलते वे लोग उसी जगह पहुंच गए, जहां वह लड़की भीख मांग रही थी। शालू रुक गई। उसने उनके

हाथों से फ्रॉक ले ली और उस लड़की को दे आई। फ्रॉक देखकर उस लड़की की आंखें नम हो गई, लेकिन
वह कुछ कह नहीं पाई। आज शालू कहने को एक आम लड़की थी, पर उस बेसहारा के लिए किसी
फरिश्ते से कम नहीं..


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