एजेन्सी
लाहौर। भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों ने करतारपुर गलियारे को चालू
करने, उससे संबंधित तकनीकी मामलों और इस संबंध में मसौदा समझौते पर चर्चा करने के लिए रविवार
को दूसरे दौर की वार्ता आरम्भ की। यह गलियारा सिख श्रद्धालुओं के लिए गुरदासपुर जिला स्थित डेरा
बाबा नानक साहिब से पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब तक जाना सुगम
बनाएगा। वे इस गलियारे के माध्यम से बिना वीजा के आवागमन कर सकेंगे। उन्हें करतारपुर साहिब
जाने के लिए केवल एक परमिट लेना होगा। करतारपुर साहिब को सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक
देव ने 1522 में स्थापित किया था।
बैठक से पहले पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता और 13 सदस्यीय पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल
के नेता मोहम्मद फैसल ने कहा, ‘‘हमें मामलों पर उपयोगी वार्ता होने और समाधान मिलने की उम्मीद
है। गलियारे का 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।’’ दक्षिण एशिया और दक्षेस के महानिदेशक फैसल ने
कहा कि पाकिस्तान सकारात्मक सोच के साथ वार्ता में भाग ले रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘वार्ता का पहला
दौर सफल रहा था।’’ फैसल ने कहा कि वार्ता का दूसरा दौर ‘‘बहुत महत्वपूर्ण’’ है। उन्होंने कहा,
‘‘पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्षेत्र में शांति चाहते हैं। वह नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की
550वीं जयंती के लिए समय पर गलियारा चालू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं।’’
पाकिस्तानी विदेश कार्यालय के एक अधिकारी ने एक समाचार एजेंसी से कहा कि आठ सदस्यीय भारतीय
प्रतिनिधिमंडल सुबह सवा नौ बजे (स्थानीय समयानुसार) यहां पहुंचा। उन्होंने कहा, ‘‘दोनों प्रतिनिधिमंडलों
के बीच बैठक शुरू हो गई है और यह कुछ घंटे चल सकती है।’’ उन्होंने बताया कि फैसल दूसरे दौर की
वार्ता के समापन के बाद मीडिया को इसकी जानकारी देंगे। इससे पहले, नयी दिल्ली में सूत्रों ने बताया
कि इस बैठक में‘‘जीरो प्वाइंट’’ पर संपर्क और यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या जैसे अहम मुद्दों
पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत बैठक में सुरक्षा पहलुओं से जुड़ी अपनी चिंताओं को भी
उठाएगा। भारत ने इससे पहले इस परियोजना पर पाकिस्तान द्वारा नियुक्त समिति में एक प्रमुख
खालिस्तानी अलगाववादी की मौजूदगी पर अपनी चिंताओं से पाकिस्तान को अवगत कराया था। बैठक में
करतारपुर गलियारे के स्वरूप और संबद्ध तकनीकी मुद्दों पर चर्चा होगी। ऐतिहासिक गलियारे की
कार्यप्रणालियों को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान और भारत के बीच पहली बैठक मार्च में अटारी में
ऐसे समय में हुई थी जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति थी। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश-
ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमले के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था। गौरतलब है कि
पिछले साल नवंबर में भारत और पाकिस्तान इस गलियारे के निर्माण के लिए सहमत हुए थे। गुरदासपुर
जिले में 26 नवंबर को और इसके दो दिन बाद पाकिस्तान के नारोवाल (लाहौर से 125 किमी दूर) में
इस गलियारे की आधारशिला रखी गई थी।