संयोग गुप्ता
जब से एयरटेल टीवी, नेटफिलिक्स, ऐमेजोन प्राइम विडियो, हॉट स्टार व जी5 अन्य आदि जैसे वेब
प्लेटफोम मार्किट मे आए है तब से युवा सिनेमा मे फिल्म देखने से दूरी बनाने लगे। इस तरह के एपो
को तकनीकी भाषा मे ओवर द टॉप (ओटीटी) कंटेंट प्रोवाइडर कहते है इन सब एपो के प्रति पिछले लगभग
4 साल से लोगो मे रुचि दिखने लगी। सिनेमा के सिवाय अब यह वर्ग टीवी भी देखने से परहेज करने
लगा। यदि ऐसे लोगो की संख्या मे लगातार इस ही तरह इजाफा होने लगा तो निश्चित तौर पर सिनेमा
जगत को भारी नुकसान होने लगेगा व टीवी चैनल भी इसकी चपेट मे आ रहे है। अब मामला यह
समझना है कि आखिर युवा वर्ग इस ओर क्यों आर्कषित होने लगा। लोकमत की ओर से वरिष्ठ पत्रकार
योगेश कुमार सोनी ने युवाओं से बात की जिन्होने ऐसे वेब प्लेटफोम को पूर्णत अपनी जिंदगी मे उतार
लिया। पेश है कुछ विशेष पहलू…
इस क्षेत्र मे नए ऐपो लगातार बढ़ना जारी है
इस क्षेत्र मे इस तरह की अपार सफलता देखते हुए नेटफिलिक्स, ऐमेजोन प्राइम विडियो, जी-5, ऑल्ट
बाला जी के अलावा एयरटेल टीवी व वूट जैसी बड़ी कंपनियों के एप आ चुके। साथ ही रिलायंस कंपनी के
साथ अन्य कई बड़ी कंपनियां भी इस ओर आकर्षित हो रही हैं व कई बड़ी-बडी कंपनियों के एप आ रहे
है। इनकी वजह से देश मे अब नए तरह के सिनेमा का जन्म हो रहा है। लागातार इस तरह के स्टेशनों
पर देश-विदेश के तमाम प्रोग्राम को देखने को मिल रहे है।
क्वालिटी की फिल्में बनने लगी
यहां पर दर्शकों की संख्या बढ़ते देख कर प्रोडयूसर व डॉरेक्टर हालीवुड व बॉलीवुड की तर्ज पर फिल्में
बनाने लगे। सक्रेड गेम्स, लस्ट स्टोरी, घाउल, लव पर स्केयरफीट, ब्रजमोहन अमर रहे व ब्रहामण नमन
जैसी फिल्मे इन ऐपो पर आ चुकी। इनमे तमाम कलाकार काम कर चुके हैं जिनमे से प्रमुख है- सैफ
अली खान, नवाजुददीन, रणवीर कपूर सिद्दी, राधिका आप्टे, संजय कपूर, सुखीन चावला, अनुप्रिया
गोयंका, कायरा आडवानी, नेहा धूपिया, मनीषा कोइराला, विक्की खोखला, निकिता दत्त, जयदीप
अहलावत, अब्दुल कादिर आमीन, मानव कौशल, रत्ना बाली, महेश बलराज, मलहार गोयिकां, सुप्रीय
पाठक अन्य कई आदि।
बॉलीवुड के प्रोडक्शन हाउस भी उतर चुके है
भारतीय सिनेमा के जाने-माने व बड़े प्रोडेक्शन हाउस भी इस इंडस्टी मे उतर चुके है। जैसा कि वो
बदलते परिवेश के भलि-भांति समझ चुके है कि अब इस क्षेत्र मे आगे नई दुनिया का जन्म हो रहा है।
आरएसवीपी फ्लाइंग यूनियन इंटरटेंटमेंट, फेंटम फिल्मस, बालाजी, ओड जोइंट प्राइवेट लिमिटेड, सारेगामा
इंडिया, यूडल फिल्मस के अलावा भी अन्य कई बड़े ब्रांड उतर चुके है। जिस तरह एक बाद एक प्रोडक्शन
हाउस इस ही तरह इसमे उतरते रहे तो इन स्टेशनों पर भी फिल्मों व सिरियलों की क्लालिटी ओर अच्छी
देखने को मिलेगी।
अश्लील भाषा, शब्दों व सीन से परहेज नहीं
जैसा कि इन एपों पर उपल्बध जो फिल्मों या सिरियल के लिए कोई सेंसर बार्ड स्थापित नहीं है जिसके
चलते उसमे आम बोलचाल व अश्लील भाषा का खुल कर प्रयोग किया जा रहा है जो इसके दर्शकों को
खूब लुभा रही है। उदाहरण के तौर पर नेटफिलिक्स पर बनी सक्रेड गेम्स व लस्ट स्टोरी मे कई जगह
बेहद अश्लील शब्दों के साथ नग्न दृश्यों को खुलेतौर पर दिखाया गया है। दरअसल युवाओं को इस तरह
की भाषा लुभाने का कारण यह भी क्योंकि वह अपनी आम बोलचाल की भाषा मे इस तरह के शब्दों का
प्रयोग करते हैं। उनको यह सब सामान्य लगता है। लस्ट स्टोरी फिल्म मे कुछ दर्शय ऐसे है जो बेहद
आपत्तिजनक है लेकिन वो फिल्म मे बिल्कुल खुलेतौर पर दिखाए गए है।
बडे सितारे भी उतरने लगे
नेटफिलिक्स, एमोजॉन प्राइम विडियो, हॉट स्टार व जी 5 के अलावा कई इस तरह के एपो के कार्यक्रमों
पर अब छोटे सितारों के सिवाय बड़े सितारे भी आने लगे। इसमे सैफ अली खान, नवाजुददीन, रणवीर
कपूर सिद्दी, राधिका आप्टे, संजय कपूर, सुरवीन चावला, अनुप्रिया गोयंका, कायरा आडवानी, नेहा
धूपिया, मनीषा कोइराला, विक्की खोखला, निकिता दत्त, जयदीप अहलावत, अब्दुल कादिर आमीन, मानव
कौशल, रत्ना बाली, महेश बलराज, मलहार गोयिकां, सुप्रीय पाठक अन्य कई बड़े सितारों ने रोल किया
है। इन फिल्म व प्रोग्रामों की चर्चाएं देश के सिवाय कई विदेशों मे भी हो रही है। यह लोगो को बहुत भा
रही है। इसके अलावा एक अहम बात यह है कि जिन कलाकारो को काम मिलना बंद हो गया था उनको
भी एन एपो के कार्यक्रमों मे काम मिलने लगा।
टीवी कार्यक्रमों पर संकट
इन एपों पर बनने व आने वाले कार्यक्रमों की वजह से टीवी की दुनिया मे काला अंधेरा सा छा गया
क्योंकि टीवी को देखने वालों की संख्या लगातार घटती जा रही है। युवा वर्ग इसका प्रमुख कारण यह भी
मानता है कि टीवी पर आने वाले कार्यक्रम एक ही वर्ग के लिए बनने लगे। उनके अंदर वो आ
आर्कषकता नहीं जिसे वो उन्हे लुभा सके। टीवी पर अधिकतर कार्यक्रम केवल अब मध्यम वर्ग की
महिलाओं को ही रुझाते हैं। कंटेंट के नाम पर सब शून्य है। दो दशकों पुराने नाटको की तर्ज पर ही टीवी
की दुनिया चल रही है। कुछ चैनलों पर तो ऐसे कार्यक्रम आते है जिनका न आने का पता चलता है न
जाने का। जीटीवी, कलर्स व स्टार प्लस जैसे कुछ चैनलों ने थोडा बहुत टीवी की दुनिया को जिंदा रखा
हुआ है अन्यथा यह लुप्त होने के कगार पर है।
बडे बजट की फिल्मे बनने लगी
बढ़ती लोकप्रियता को देखकर बॉलीवुड की तर्ज पर इन ऐपों के लिए बनने वाली फिल्मे या सिरियलों के
लिए अब बडा बजट प्रयोग होने लगा। प्रारंभिकता मे ऐसा नहीं था लेकिन अब बडे कलाकार व सेटअप
की वजह से बजट बढ़ने लगा। जब सैफ अली खान, नवाजुद्दीन, कगंना राउत, राधिका आप्टे, रणवीर
कपूर जैसे कलाकार इमसे उतर चुके है तो यह बात स्वाभाविक है कि जो फिल्मे बन चुकी या बन रही है
या बनेगीं तो निश्चित तौर पर ही उच्च स्तरीय फिल्मे ही बनेंगी। जैसे कि परमाणु, सक्रेड गेम्स, लस्ट
स्टोरी, घाउल, लव पर स्केयरफीट, ब्रजमोहन अमर रहे व ब्रहामण नमन जैसी फिल्मे बन चुकी इसके
तमाम फिल्मों व वेब सिरिज पर काम चल रहा है।