विनय गुप्ता
नई दिल्ली। नागर विमानन महानिदेशालय ने विमानन कंपनियों को कड़ी चेतावनी
देते हुए बुधवार को कहा कि खराब मौसम में विमानों को ‘‘अनस्टैबलाइज्ड अप्रोच’’ के साथ नीचे उतारने
से बचना चाहिए और उन्हें एक और चक्कर लगाने के बाद पुन:प्रयास करना चाहिए। साथ ही ऐसा नहीं
करने पर दंडात्मक कार्रवाई की बात भी कही है। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने मंगलवार
को सभी विमानन कंपनियों के भेजे गए संदेश में कहा है कि वे कॉकपिट में अनुभवी चालक दल का
होना सुनिश्चित करें और किसी भी विमान के लिए चालक दल का निर्धारण करने से पहले खराब मौसम
में विमान उड़ाने पर होने वाली थकान को भी ध्यान में रखें। ‘मॉनसून परिचालन’ शीर्षक का यह सर्कुलर
मुंबई हवाई अड्डे पर स्पाइसजेट के एक विमान के फिसलने के बाद आया है। जयपुर से आ रहा यह
विमान उतरने के बाद फिसलते हुए रनवे से उतर गया था। इसके कारण मुख्य रनवे बंद करना पड़ा।
नागर विमानन महप्रबंधक अरुण कुमार ने अपने संदेश में कहा है कि हमने विमानन कंपनियों के विमान
संरक्षा प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे अपने पायलटों को सुरक्षा के संबंध में दी जाने वाली जानकारी में
यह भी बताएं कि वे खराब मौसम में ‘‘अनस्टैबलाइज्ड अप्रोच’’ के साथ विमान उतारने से बचें और ऐसी
स्थिति में एक और चक्कर लगाने के बाद पुन:प्रयास करें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा से किसी भी स्थिति में
समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा है कि सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध किया जाता है कि
वे निर्देशों का कड़ाई से पालन करें। इनका पालन नहीं होने की स्थिति में समुचित दंडात्मक कार्यवायी की
जाएगी। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वे विमानों के रनवे से उतरने की घटनाओं की
जांच कर रहे हैं। यहां विमान उतारने के दौरान ‘‘अनस्टैबलाइज्ड अप्रोच’’ का मतलब है कि उतरते वक्त
गति, उतरने की दर, उतरने का रास्ता, लैंडिग से जुड़ी अन्य चीजें और उतरने की अनुमति आदि में से
किसी एक का तय मानक के अनुरुप नहीं होना।