वॉशिंगटन। अफगानिस्तान में शांति समझौते की दिशा में राजनीतिक पहल को
आगे बढ़ाने के ताजा प्रयास के तहत विरोधी अफगान रविवार को कतर में मुलाकात करेंगे क्योंकि
अमेरिका अफगानिस्तान में तीन महीने के अंदर तालिबान के साथ शांति समझौता चाहता है। राष्ट्रपति
डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा कि अफगानिस्तान से वह अमेरिकी सैनिकों
को वापस बुलाना चाहते हैं लेकिन आतंकवादियों से निपटने के लिये वह देश में एक मजबूत गुप्तचर तंत्र
की उपस्थिति छोड़कर जायेंगे। ट्रम्प अफगानिस्तान को ‘‘आतंकवादियों का हार्वर्ड’’ कहते हैं। हार्वर्ड एक
बेहद प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय है। इधर, तालिबान ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से
बातचीत करने से इनकार कर दिया है। तालिबान ने सोमवार को अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय को
निशाना बनाकर एक शक्तिशाली बम से हमला किया था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी। तालिबान
के बाद की अफगानिस्तान सरकार के लिये अंतरराष्ट्रीय समर्थन में मुख्य भूमिका निभाने वाले जर्मनी
और कतर ने कहा कि उन्होंने रविवार और सोमवार को दोहा में बातचीत के लिये संयुक्त आमंत्रण भेजा
है। अफगानिस्तान एवं पाकिस्तान के लिये जर्मनी के विशेष प्रतिनिधि मार्कुस पोतजेल ने कहा, ‘‘शांति
की दिशा में प्रगति के लिये अफगानिस्तान अवसर के अहम पड़ाव पर खड़ा है।’’ अमेरिका ने पोतजेल का
यह बयान सोमवार को जारी किया था।