नई दिल्ली। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि
उन्होंने कल ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की प्रगति की समीक्षा की है और साढ़े तीन साल में इस पर
यातायात शुरू हो जायेगा। गडकरी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि
एक लाख करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे साढ़े तीन साल में राष्ट्र को समर्पित
होगा। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद दिल्ली से मुंबई तक का सफर काफी कम
समय में पूरा किया जा सकेगा। एक्सप्रेस-वे पांच राज्यों के अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल इलाकों से
होकर गुजरेगा जिससे उन इलाकों में विकास हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस-वे पर बिजली से चलने वाले ट्रकों का विकल्प भी तलाशा जा रहा है। रेलवे
लाइनों की तरह एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ बिजली की लाइनें लगाकर ट्रकों को उनसे चलाना यदि संभव
हो जाता है तो इससे माल-ढुलाई की लागत बहुत कम रह जायेगी। गडकरी ने कहा कि भारतमाला के
तहत 24 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण के कार्य को गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा
के बाद देश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान अधिकारियों ने इस परियोजना के विभिन्न खंडों
को प्राथमिकता-एक और प्राथमिकता-दो में बांट दिया था। अब उन्हें निर्देश दिये गये हैं कि सभी खंडों पर
एक ही प्राथमिकता के आधार पर काम किया जाये और जल्द से जल्द परियोजना पूरी की जाये। उन्होंने
कहा कि सड़क निर्माण परियोजनाओं में सबसे ज्यादा देरी भूमि अधिग्रहण में होती है। भूमि अधिग्रहण
राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है। जितनी जल्दी राज्यों से भूमि अधिग्रहण कर सौंपा जाता है उतनी जल्दी
परियोजनाएँ पूरी हो जायेंगी।