नई दिल्ली। सशस्त्र बलों का वोट बैंक के रूप में उपयोग करने के कांग्रेस के आरोपों
को सिरे से खारिज करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि रक्षा तैयारी
और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की ‘‘सर्वोच्च प्राथमिकता’’ है तथा ‘‘एक रैंक, एक पेंशन’’
सहित विभिन्न कार्यो के माध्यम से इसे सुनिश्चित किया जा रहा है। शून्यकाल के दौरान कांग्रेस के
अधीर रंजन चौधरी ने सेवा के दौरान घायल एवं निशक्त हुए जवानों को मिलने वाली पेंशन पर कर
लगाने के हाल ही में जारी एक प्रपत्र का विषय उठाया। उन्होंने अभियान के दौरान जान गंवाने वाले
केंद्रीय बलों के जवानों को ‘शहीद’ का दर्जा देने की भी मांग की। सदन में मौजूद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
ने कहा, ‘‘ रक्षा तैयारी और सेना के जवानों के हित उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। ’’ उन्होंने
कहा कि 40 वर्षो से सेना कर्मी ‘‘एक रैंक, एक पेंशन’’ की मांग कर रहे थे लेकिन उन्हें अंधेरे में रखा
गया, गुमराह किया गया। ‘‘इसे प्रभारी ढंग से हमारी सरकार ने लागू किया।’’ सिंह ने कहा कि वह
निवेदन करना चाहते हैं कि अधीर रंजन चौधरी ने जो प्रश्न उठाया है, उसके बारे में जानकारी एकत्र कर
वह सदन को अवगत करायेंगे। इससे पहले इस विषय को उठाने को लेकर सदन में कांग्रेस सदस्यों ने
कुछ समय तक शोर शराबा भी किया। विपक्षी पार्टी के सदस्य चाहते थे कि उन्हें यह मुद्दा तुरंत उठाने
का मौका दिया जाए। कुछ देर तक जब चौधरी को मौका नहीं मिला तब कांग्रेस सदस्य आसन के समीप
आकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी एवं संप्रग अध्यक्ष सोनिया
गांधी मौजूद थे। कांग्रेस सदस्य आरोप लगा रहे थे कि सरकार बात को छिपाना चाहती है, और इसलिये
बात नहीं रखने दिया जा रहा है। वे ‘हमें न्याय चाहिए’ और सेना के नाम पर वोट मांगना बंद करो’ के
नारे लगा रहे थे। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आप बात रख चुके
हैं, हम सेना का सम्मान करते हैं, सदन में रक्षा मंत्री मौजूद है और कुछ कहेंगे। इस दौरान लोकसभा
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, ‘‘मैंने व्यवस्था दी थी कि नये सदस्यो को बोलने का मौका देंगे। पहले आने
वाले सदस्यों को मौका देंगे। ऐसे में नये सदस्यों के बोलने में बाधा नहीं डालें।