लाहौर/इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने भारत के साथ लगने वाली अपनी पूर्वी सीमा के
आस-पास के हवाई क्षेत्र को बंद रखने की अवधि को दूसरी बार बढ़ा कर 15 जून कर दिया है। देश के
नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) ने यह जानकारी दी। बालाकोट हवाई हमले के बाद लगाए गए प्रतिबंध
को हटाने के लिए दोनों पक्ष से कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने के बीच यह ऐलान किया गया
है।पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना की तरफ से बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविर पर
किए गए हमले के बाद फरवरी में अपना हवाईक्षेत्र पूरी तरह से बंद कर दिया था। देश ने नयी दिल्ली,
बैंकॉक और कुआलालम्पुर को छोड़ अन्य सभी स्थानों तक जाने वाली उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र
27 मार्च को खोल दिया था।
पाकिस्तान ने 15 मई को भारत तक जाने वाली उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र पर लगाए गए प्रतिबंध
को 30 मई तक बढ़ा दिया था। नागर विमानन प्राधिकरण (सीएए) की ओर से एयरमैन के लिए जारी
नोटिस (नोटैम) के मुताबिक भारत के साथ लगने वाली पूर्वी सीमा के आस-पास का हवाई क्षेत्र 15 जून
सुबह पांच बजे तक (स्थानीय समानुसार) बंद रहेगा। सीएए की ओर से जारी एक अलग नोटैम के
अनुसार पंजगूर हवाई क्षेत्र पश्चिमी देशों से आने वाली पारगमन उड़ानों के लिए खुला रहेगा क्योंकि एअर
इंडिया पहले से इस हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल कर रही है। पाकिस्तान ने 21 मई को भारत की विदेश मंत्री
सुषमा स्वराज को किर्गिस्तान के बिश्केक में हुए एससीओ सम्मेलन में शामिल होने के लिए सीधे
पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से गुजरने की विशेष अनुमति दी थी। हालांकि, अन्य व्यावसायिक एअरलाइन
कंपनियों के लिए यह हवाई क्षेत्र बंद ही रहा।
भारत से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद रखने के पाकिस्तान के फैसले से
हजारों यात्रियों को उड़ानें रद्द होने, उनमें देरी और बढ़ते किराए का सामना करना पड़ा है। विमानन मंत्री
गुलाम सरवर खान ने कहा था कि हवाई क्षेत्र के पूर्वी सिरे को बंद रखने से पाकिस्तान को भारत की
तुलना में कम ही नुकसान झेलना पड़ रहा है क्योंकि भारतीय उड़ानों को यूरोप के लिए लंबे मार्ग से
जाना पड़ रहा है। भारत ने पाकिस्तान जाने वाली उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया हुआ है।
पाकिस्तान के एक अधिकारी ने कहा, “ढाई महीने से अधिक वक्त हो गया है लेकिन रोक को हटाने के
लिए न तो पाकिस्तान और न ही भारत की ओर से कोई प्रगति हुई है। यह चौंकाने वाला है कि इस
मामले पर लचीला रुख दिखाने के लिए पर्दे के पीछे से कोई कूटनीति नहीं दिखाई गई जिससे भारतीय
एवं पाकिस्तानी विमानन कंपनियों के साथ ही विदेशी एअरलाइन्स को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा
है।”उन्होंने कहा कि हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित करना द्विपक्षीय की बजाए अंतरराष्ट्रीय मुद्दा होना चाहिए।
पाकिस्तान भारत पर इस मामले एवं अन्य मामलों में लचीला रुख नहीं दिखाने का आरोप लगा रहा है।