रमजान का पाक महीना शुरू हो गया है। अरबी भाषा का रमादान शब्द रमाधा से आया, जिसका मतलब सूरज की गर्मी होती है। रमजान के महीने में 30 दिन मुसलमान रोजे रखते हैं। इसमें सुबह सूरज उगने के बाद से लेकर सूरज छिपने तक बिना खाए पिए रहते हैं, यहां तक की पानी की भी मनाही होती हैं। वैसे रमजान को लेकर विभिन्न देशों की परंपराएं भी अलग अलग हैं। जानिए इससे जुड़ी परंपरा और मान्यता विभिन्न देशों में किया जाता है कुछ ऐसा -रमजान के चौथे दिन को पश्चिमी एशिया में गारांगाओं के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चे तैयार होकर थैले लेकर आस पास जाते हैं और गारांगाओ गीत गाकर टॉफी बिस्किट जैसी चीजें इकट्ठा करते हैं। -इंडोनेशिया के कुछ हिस्सों में पवित्र महीना शुरू होने से पहले लोग खुद को साफ पानी में जलमग्न कर लेते हैं, जिससे वे खुद को आध्यात्कि व शारीरिक रूप से शुद्घ कर सके। -मध्य एशिया के देशों में इस समय गरीबों को दान देते हैं। -मिस्त्र में पवित्र माह के दौरान इफ्तार के समय सड़कों पर बड़ी बड़ी लालटेन लगाकर सजाकर की परंपरा है। माना जाता है कि मिस्त्र के खलीफा का स्वागत काहिरा में लालटेन लगाकर किया जाता है। -माना जाता है इस पाक माह में जन्नत के दरवाजे खुल जाते है और दोजख यानि की नरक के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान किए गए अच्छे कर्मों का फल भी कई गुना तक बढ़ जाता है। -रमजान में अल्लाह से अपने सभी बुरे कर्मों के लिए माफी भी मांगी जाती है। -रमजान में रोजा रखा जाता है। रोजेदार महीनेभर भूखे प्यासे रहकर इबादत करते हैं। वे सहरी और इफ्तार ही ले सकते हैं। इस दौरान झूठ बोलना, चुगली करना, गाली गलौच करना आदि नहीं करना चाहिए।