नयी दिल्ली। वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने तिबलिसी से कराची के रास्ते दिल्ली आ
रहे जार्जिया के एक ‘एएन -12’ विमान को शुक्रवार को जयपुर हवाई अड्डा पर उतरने के लिए बाध्य कर
दिया। दरअसल, इस विमान ने उस जगह से भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश किया, जो पूर्व निर्धारित नहीं
था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि इस मालवाहक विमान के चालक दल के
सदस्यों से जयपुर में पूछताछ की गई। इस विमान ने दोपहर सवा तीन बजे भारतीय हवाईक्षेत्र में प्रवेश
किया। उन्होंने बताया कि पूछताछ कई घंटों तक चली और विमान को रवाना होने की इजाजत दे दी
गई।
अधिकारियों ने बताया कि विमान ने अधिकृत एयर ट्रैफिक सर्विसेज (एटीएस) मार्ग का पालन नहीं किया
और जब वह 27,000 फुट की ऊंचाई पर उड़ रहा था, तब उसे आवश्यक जांच के लिए जयपुर में उतरने
के लिए बाध्य किया गया। सीआईएसएफ कर्मियों ने फौरन ही हवाईअड्डा को घेर लिया। वायुसेना ने
बताया कि विमान उत्तर गुजरात सेक्टर में भारतीय वायु क्षेत्र में घुसा और पूरी तरह से सतर्क एयर
डिफेंस इंटरसेप्टर हरकत में आ गया तथा छानबीन के लिए अज्ञात विमान की दिशा में बढ़ गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दो सुखोई-30 उस विमान को रोकने के लिए बढ़े। उन्होंने बताया कि
वायुसेना 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में किए गए एयर स्ट्राइक के बाद से अत्यधिक अलर्ट
है।
वायुसेना ने एक बयान में कहा कि विमान ने अधिकृत एटीएस मार्ग का पालन नहीं किया और वह
भारतीय नियंत्रण एजेंसियों के रेडियो कॉल का जवाब भी नहीं दे रहा था। इसमें बताया गया है कि चूंकि
भूराजनैतिक स्थिति को लेकर इलाके में एटीएस मार्ग बंद थे और विमान ने किसी गैर निर्धारित स्थान से
प्रवेश किया, इसलिए पूरी तरह से सतर्क एयर डिफेंस इंटरसेप्टर हरकत में आ गया और छानबीन के
लिए विमान की दिशा में बढ़ गया।
वायुसेना ने बताया कि विमान ने रोके जाने के दौरान ‘इंटरनेशनल डिस्ट्रेस फ्रीक्वेंसी’ या दृश्य सिग्नल का
कोई जवाब नहीं दिया। बयान में बताया गया है कि विमान ने चुनौती दिए जाने पर जवाब दिया और
बताया कि वह एक गैर निर्धारित एएन-12 विमान है जो तिबलिसी से कराची के रास्ते दिल्ली जा रहा है।
विमान को घेर लिया गया और आवश्यक जांच के लिए जयपुर में उतरने के लिए बाध्य किया गया।
जयपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त लक्ष्मण गौड़ ने बताया कि जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया
गया। विमान को छोड़ दिया गया है।