मुंबई। ईवीएम की पुख्ता सुरक्षा की मांग की जा रही है। विपक्ष ने मांग की है कि
जहां भी ईवीएम रखी गई हैं वहां पर नेटवर्क जैमर लगाए जाए। इसके अलावा वोटिंग मशीनों के
आसपास किसी को भी जाने की अनुमति नहीं दी जाए, खासकर उम्मीदवारों को। इस सिलसिले में
सोमवार को महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन
भी दिया।
इस मुलाकात के बारे में चव्हाण ने बताया कि चुनाव आयोग से उन्होंने लिखित मांग की है कि जिस
स्ट्रॉन्गरूम में ईवीएम को रखा जाए, वहां पर और उसके आसपास के इलाकों में नेटवर्क जैमर्स लगाए
जाएं। उन्होंने दावा किया कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से मोबाइल फोन टावर, वाई-फाई नेटवर्क दूसरे
बेतार नेटवर्कों का इस्तेमाल कर छेड़छाड़ की जा सकती है, इसलिए इन्हें रोकने के लिए ऐसे जैमर्स
लगाने की जरूरत है। चव्हाण ने कहा,इन जैमरों को गणना प्रक्रिया के दौरान भी स्थापित किया जाना
चाहिए। हम मांग करते हैं कि ऐसे जैमरों को राज्य के सभी लोकसभा क्षेत्रों में तत्काल स्थापित किया
जाए।
पत्रकारों से बातचीत में चव्हाण ने बताया कि कांग्रेस ने सीईओ से अनुरोध किया कि हर चरण की
मतगणना के नतीजापत्र की घोषणा इसके पूरी तरह तैयार होने और निर्वाचन अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर
किए जाने के बाद ही की जाए। इसे सभी दलों को दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगले दौर की मतगणना
तभी होनी चाहिए जब पहले दौर की सभी प्रक्रिया पूरी कर ली जाए और फिर से गणना के किसी भी
अनुरोध पर चरणबद्ध तरीके से ही विचार होना चाहिए।
राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने भारत चुनाव आयोग से मांग की है कि ईवीएम व वीवीपैट
स्ट्रॉन्गरूम में लोकसभा चुनाव के उम्मीदवारों को कतई प्रवेश नहीं करने दिया जाए। इस संबंध में पाटील
ने चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा है। राज्य में लोकसभा चुनाव शांति से कराने के लिए पाटील ने
चुनाव आयोग के अधिकारियों का अभिनंदन भी किया। इस बारे में उन्होंने बताया कि मशीनों के पास
उम्मीदवार या फिर उसके किसी व्यक्ति को जाने की आवश्यकता ही नहीं है। पाटील ने आशंका व्यक्त
की कि ईवीएम मशीन में छेड़छाड़कर कर चुनाव नतीजे प्रभावित किए जा सकते हैं।