नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला मामले में
सरकारी गवाह बन चुके दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी के निदेशक राजीव सक्सेना की विदेश जाने की
इजाजत मांगने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए पासपोर्ट आफिस से पूछा है कि राजीव सक्सेना का
पासपोर्ट निलंबित करने की क्या वजह है। कोर्ट ने इसके बारे में विस्तृत जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कल
यानि 8 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
राजीव सक्सेना ने मई में यूरोप, दुबई और ब्रिटेन जाने की कोर्ट से इजाजत मांगी है। याचिका में कहा
गया है कि उसे अपने इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। पिछले 25 मार्च को कोर्ट ने राजीव
सक्सेना को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी। पिछले 25 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को
नियमित जमानत दी थी। राजीव सक्सेना ने स्वास्थ्य वजहों से जमानत की मांग की थी। पिछले 14
फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को अंतरिम जमानत दी थी।
पिछले 12 फरवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को 18 फरवरी तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
कोर्ट ने राजीव सक्सेना का एम्स में मेडिकल परीक्षण कराने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान
राजीव सक्सेना ने कहा कि उसे ल्युकेमिया की बीमारी है। उसे अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है।
पिछले 31 जनवरी को कोर्ट ने राजीव सक्सेना को ईडी हिरासत में भेजा था। राजीव सक्सेना को
प्रत्यर्पित कर 31 जनवरी को ही भारत लाया गया था, जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31
जनवरी की सुबह ही गिरफ्तार किया था।
राजीव सक्सेना की पत्नी शिवानी सक्सेना हैं जिन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने पिछले 11 जनवरी को 15
दिनों के लिए दुबई जाने की अनुमति दी थी। ईडी ने शिवानी को 17 जुलाई 2017 को चेन्नई से
गिरफ्तार किया था। शिवानी मैट्रिक्स होल्डिंग्स के अलावा दुबई की यूएचवाई नामक कंपनी की भी
डायरेक्टर है। रिश्वत देने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड से जो 58 मिलियन यूरो की जो रकम आयी थी वो
दो तीन कंपनियों से होकर आयी थी। इन कंपनियों में शिवानी की यूएचवाई और मैट्रिक्स होल्डिंग भी
शामिल थीं। राजीव और शिवानी को ईडी ने पटियाला हाउस कोर्ट में मनी लांड्रिंग के मामले में आरोपित
बनाया है।