नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चीफ रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों
के मामले पर सुनवाई करते हुए सीबीआई के डायरेक्टर, आईबी प्रमुख और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को
आज ही दोपहर 12.30 बजे सुप्रीम कोर्ट में तलब किया है। कोर्ट इन तीनों से इन चैंबर बात करेगी।
उसके बाद दोबारा 3 बजे सुनवाई करेगी। आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस से पूछा कि
आपको क्या कहना है। तब उत्सव बैंस ने कहा कि मैंने सीलबंद लिफाफे में मैटेरियल दिए हैं। उसमें
सीसीटीवी फुटेज हैं जो कहानी को बयां करती है। चीफ जस्टिस के खिलाफ सबसे बड़ी साजिश रची गई
है। बैंस ने कहा कि बड़े कारपोरेट हाउस ने साजिश रची है। कोर्ट ने दस्तावेज देखने के बाद अटार्नी
जनरल केके वेणुगोपाल से कहा कि क्या आप किसी जिम्मेदार जांच अधिकारी को मेरे चैंबर में बुलाएंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सीबीआई डायरेक्टर नहीं आ पाएंगे, क्योंकि वो दिल्ली से
बाहर गए हुए हैं। परंतु ज्वायंट डायरेक्टर आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में कोर्ट की निगरानी
में एसआईटी गठित कर जांच की जानी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि उत्सव बैंस की सुरक्षा जारी रहेगी।
अगर यह मामला सही है तो ये बेहद गंभीर है। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर, आईबी प्रमुख
और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को बुलाने का आदेश दिया। पिछले 23 अप्रैल को कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस
को नोटिस जारी किया था। उत्सव बैंस ने हलफनामा देकर कहा था कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को
यौन उत्पीड़न के मामले में फंसाने के लिए साजिश रची गई थी। पिछले 20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने
इस मामले पर आपात सुनवाई की थी। कोर्ट ने यौन प्रताड़ना के आरोपों का सिरे से खंडन किया था। बेंच
के दूसरे सदस्य जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस संजीव खन्ना ने मीडिया से जिम्मेदारी पूर्वक काम
करने को कहा था। कोर्ट ने कहा कि हम मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक नहीं लगा रहे हैं लेकिन उम्मीद करते
हैं कि मीडिया तथ्यों को जांचे बगैर इस तरह न्यायापालिका को निशाना बनाने वाले फर्जी आरोप नहीं
छापेगा। कोर्ट ने कहा कि हम मीडिया पर छोड़ते हैं कि वे न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बरकरार रखें।
हम कोई न्यायिक आदेश नहीं पारित कर रहे हैं। इस मामले में जस्टिस एसए बोब्डे की अध्यक्षता वाली
3 सदस्यीय जांच पैनल ने आरोप लगाने वाली महिला को नोटिस जारी कर तलब किया है। इस पैनल ने
उक्त महिला को 26 अप्रैल को बुलाया है।