हिसार। लोकसभा आम चुनाव-2019 के छठे चरण में 12 मई को हरियाणा में मतदान
होना है। इस बार ऐसे युवा मतदाता भी वोट डालने मतदान केंद्र पहुंचेंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है।
जिला में 1 जनवरी 2001 को पैदा हुए 111 ऐसे युवा मतदाता हैं जिन्होंने 1 जनवरी 2019 को 18 वर्ष की
आयु पूरी होते ही अपने वोट बनवा लिए हैं। इनमें से कुछ युवाओं ने अपने विचार सांझा करते हुए इस बात पर
रोमांच महसूस किया कि इस बार देश की सरकार बनाने में उनकी भी भूमिका होगी। गांव खासा महाजनान की
नंदिनी कहती हैं कि वे मायके में वोट बनवाने वाली पहली लड़की हैं। वे कहती हैं कि हमें इस धारणा को
बदलना होगा कि लड़कियों को शादी के बाद ही वोट बनवाना चाहिए। लड़का हो या लड़की, 18 साल की उम्र
पूरी होते ही न केवल वोट बनवाना चाहिए बल्कि उसका उचित इस्तेमाल भी करना चाहिए। गांव चौधरीवाली के
अमित कुमार इस बात को सोचकर खुश हैं कि इस बार वे भी देश की सरकार बनाने की प्रक्रिया के भागीदार
बनेंगे। वे कहते हैं कि अपने वोट का इस्तेमाल करके हम ऐसे व्यक्ति को प्रतिनिधि बनाकर संसद में भेजने की
कोशिश करेंगे जिसकी सोच सर्वहितैषी हो। गांव बुडाना की गीतिका के अनुसार सही मायने में देखा जाए तो
मतदान का अधिकार कोई छोटी बात नहीं है। देश के अमीर से अमीर व्यक्ति के बराबर गरीब से गरीब व्यक्ति
को भी एक वोट डालने का अधिकार हमारे संविधान से मिला है जिसके माध्यम से वह सरकार बनाने में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज जो व्यक्ति किसी लालच या स्वार्थ के चलते अपना वोट बेच देते हैं अथवा
वोट देने जाते ही नहीं, उन्हें बाद में बुरे व्यक्तियों के चुने जाने की शिकायत करने का भी कोई हक नहीं होता
है। । बालक गांव के नवदीप पहली बार वोट डालने का अधिकार मिलने से उत्साहित हैं। वे कहते हैं कि चुनाव
लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है जिसमें आमजन की अधिक से अधिक भागीदारी हो, यही हमारा प्रयास
होना चाहिए। उनका मानना है कि लोकतंत्र तभी मजबूत और सार्थक होगा जब हम देशहित को सर्वोपरि रखकर
अपना वोट योग्य व्यक्ति को देंगे। मैं अपना वोट किसी जाति, धर्म या संप्रदाय को देखकर नहीं बल्कि उस नेता
को दूंगा जो सबके हित की सोच रखता होगा। सिसाय की तमन्ना कहती हैं कि लोकतंत्र ने हमें जो मूलभूत
अधिकार दिए हैं उनमें वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुनने का अधिकार भी शामिल है। यह सोचकर बहुत अच्छी
भावना मन में आ रही है कि इस बार मैं भी वोट डालूंगी और सरकार के चयन में अपनी भागीदारी निभाऊंगी।
आर्यनगर के शंकर का मानना है कि केवल दिखावे के लिए नहीं बल्कि सही व्यक्ति व अच्छी सरकार के चयन
में अपनी भूमिका के मद्देनजर देश के हर पात्र व्यक्ति को अपना वोट बनवाना चाहिए और मतदान के दिन
वोट डालने जरूर जाना चाहिए। यदि हम मतदान से चूक गए तो फिर यह मौका पूरे 5 साल बाद मिलेगा।
इसलिए वोट देने के काम को प्राथमिकता पर रखते हुए दूसरे सभी कामों को अगले दिन के लिए टाल देना ही
लोकतंत्र की मजबूती और देश की खुशहाली का मार्ग प्रशस्त करेगा।