सारदा चिटफंड : गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से प. बंगाल के पुलिस अफसरों पर कार्रवाई की मांग की

asiakhabar.com | March 26, 2019 | 5:02 pm IST
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नई दिल्ली। सारदा चिटफंड जांच में बाधा डालने के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर पश्चिम बंगाल के पुलिस अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि पांच आईपीएस अधिकारी गत चार फरवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ राजनीतिक धरने पर बैठे थे। सुनवाई अभी जारी है। अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने कहा है कि पूछताछ में पता चला है कि कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार चार अन्य आईपीएस अफसरों के साथ धरने पर बैठे थे। गृह मंत्रालय ने कहा है कि संसदीय चुनाव के मद्देनजर पांच आईपीएस अफसरों के आचरण के बारे में निर्वाचन आयोग को भी लिखा गया है। 27 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो आरोपितों के कॉल डाटा रिकॉर्ड (सीडीआर) से छेड़ हलफमाना दायर करें। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर सीडीआर से बड़े लोगों के नाम मिटाने का आरोप सही है तो ये बहुत गंभीर बात है। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सीबीआई को ये पता चला कि राजीव कुमार के नेतृत्व वाली एसआईटी ने सीडीआर से कुछ महत्वपूर्ण लोगों के नंबरों को हटा दिया। तब चीफ जस्टिस ने कहा था कि अगर सीडीआर से छेड़छाड़ की गई है तो ये एक गंभीर अपराध है। इसके परिणाम भुगतने होंगे। चीफ जस्टिस ने कहा था कि सीबीआई की ओर से दायर हलफनामे में अधूरी जानकारी है। जून 2018 में जो हुआ, वह फरवरी के बाद हमारे ध्यान में लाया जा रहा है। क्या हमें विश्वास में लेना आपका दायित्व नहीं था। ऐसे में सीबीआई इस बाबत विस्तार से जानकारी दे। 20 फरवरी को जस्टिस एल नागेश्वर राव ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया था । इस मामले में तीनों पुलिस अधिकारियों ने अपना जवाब दाखिल कर कोर्ट से माफी मांगी है। पांच फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि राजीव कुमार सीबीआई के शिलांग स्थित दफ्तर में पेश होंगे। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। सुनवाई के दौरान अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि चिटफंड घोटाले से जुड़ा कॉल डेटा रिकार्ड सीबीआई को दिया गया लेकिन वो पूरा नहीं दिया गया था। तब चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अटार्नी जनरल से कहा था कि हम राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने को कह सकते हैं। तब अटार्नी जनरल ने कहा था कि हमने अवमानना याचिका भी दाखिल की है। तब कोर्ट ने कहा था कि अवमानना के लिए दूसरे पक्ष को भी नोटिस जारी करना होगा और उसका पक्ष सुनना होगा।


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