अबु धाबी। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज आबु धाबी में होने वाली ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगी और संभवत: उसमें आतंकवाद का मुद्दा उठाएंगी। इस बीच पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह मोहम्मद कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि स्वराज को दिया गया न्योता रद्द नहीं किया गया है, इसलिए वह बैठक में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे।
स्वराज जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच उत्पन्न तनाव की पृष्ठभूमि में इस बैठक में हिस्सा ले रही हैं। विदेश मंत्री स्वराज दो दिवसीय ओआईसी की बैठक के उद्घाटन समारोह में शुक्रवार को हिस्सा लेंगी। भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है।
उन्हें विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है। मंगलवार को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हुए हैं।
वहीं पाकिस्तान ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया है, ”विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ओआईसी के मंत्री स्तरीय बैठक के लिए अबु धाबी पहुंचीं। भारत को संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री एचएच शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है।
पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसी के लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए। पाकिस्तान ओआईसी का सदस्य देश है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने शुक्रवार को कहा कि वह बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे क्योंकि समूह ने स्वराज को भेजा गया न्योता रद्द नहीं किया है।
ओआईसी ने इससे पहले पाकिस्तान के कहने पर ही 1969 में मोरक्को सम्मेलन के लिए भारत का न्योता रद्द कर दिया था। कुरैशी ने गुरुवार को कहा था, ओआईसी हमार घर है इसलिए वह वहां जाएंगे, लेकिन स्वराज के साथ कोई बातचीत नहीं होगी।