पटना। जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा के समीप बीएसएफ के काफिले पर गुरुवार को हुए आतंकवादी हमले को लेकर पूरे बिहार में गुस्सा है। हमले के विरोध में शुक्रवार को जगह-जगह कैंडल मार्च, जुलूस निकाले गए तथा कई जगहों पर सभा आयोजित कर शहीदों को श्रद्घांजलि अर्पित की गई। मुंगेर में सरकारी और निजी स्कूलों में शोक सभाएं आयोजित की गईं, जिसमें बच्चों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वे हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें कि फिर कोई संगठन या देश भारत की ओर गलत निगाह से नहीं देखे। जमुई में प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें कई स्कूलों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस कैंडल मार्च में पाकिस्तान के शीर्ष राजनेताओं और सैन्य अधिकारियों के पोस्टर हाथों में लिए और पड़ोसी देश का `हुक्का पानी बंद` करने का नारा लगाते हुए लोगों ने इस घटना का बदला लेने की मांग की। पटना के कारगिल चौक पर भी सैकड़ों छात्र एकत्र हुए और उन्होंने हमले पर विरोध जताया। छात्रों ने कहा कि एक जवान के बदले 10 आतंकवादियों को मारा जाना चाहिए। छात्रों ने एक और सर्जिकल स्ट्राइक की मांग की। पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी में आम लोगों ने आतंकवादी हमले के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाला। मुजफ्फरपुर में प्रगतिशील मुस्लिम संगठन हक ए हिंदुस्तान के कार्यकर्ताओं ने आक्रोश मार्च निकाला तथा आतंकी संगठन और पाकिस्तान के शीर्ष राजनेताओं के पुतले फूंके। संगठन के संयोजक तमन्ना हाशमी ने कहा कि इस घटना के बाद बिहार में ही नहीं पूरे देश में आक्रोश उभरा है। शेखपुरा में भी स्कूली छात्रों ने कैंडल मार्च निकाला और दोषियों के लिए सजा की मांग की।