वाशिंगटन। वेनेजुएला सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिपक्ष के नेता और स्वयंभू अंतरिम राष्ट्रपति जुआन गुइडो के बैंक एकाउंट्स फ्रीज कर दिए हैं और उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट मदुरो के प्रति वफादार बताया जाता है। गुइडो को अमेरिका, कनाडा सहित करीब बीस देशों का समर्थन प्राप्त है, जबकि राष्ट्रपति निकोलस मदुरो को रूस, मेक्सिको, ईरान सहित टर्की का समर्थन है। उधर पेरू के विदेश मंत्री नेस्टर पोपोलिजो ने कहा है कि लीमा समूह के देशों ने वेनेजुएला में राजनीतिक संकट दूर करने के लिए अपील की है। इस 14 सदस्यीय समूह का सन 2017 में गठन किया गया था। वेनेजुएला में भारी आर्थिक संकट के कारण भुखमरी चरम सीमा पर है, जो परस्पर कलह का कारण बनी हुई है। गुइडो ने बुधवार और शनिवार को देशभर में राष्ट्रपति मदुरो के खिलाफ राजनीतिक आंदोलन करने की अपील की है। अभी तक चालीस लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि सैकड़ों लापता हैं। वेनेजुएला की आर्थिक समस्या का एक बड़ा कारण सरकार की तेल कंपनी है, जो कथित करप्शन की शिकार बताई जाती है। अमेरिका ने इसी कंपनी के खिलाफ कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा कर निकोलस मदुरो सरकार को सत्ताविहीन किए जाने के लिए दबाव बनाया हुआ है। वेनेजुएला की यह तेल कंपनी उसके राजस्व की मुख्य धारा है। विदित हो, अमेरिका ने प्रतिपक्ष के नेता जुआन गुइडो को अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दी है। उन्होंने कहा है कि अमेरिकी प्रशासन गुइडो को राजनीतिक और राजनयिक, दोनों समर्थन देगा। मदुरो ने अमेरिका के इन प्रतिबंधों को अनैतिक और अवैधानिक बताया है। मदुरो ने इस संबंध में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से गुइडो के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की याचिका दाखिल की थी।