चुनाव नजदीक है तो हर कोई देखने-दिखाने की बात कर रहा है। जनता नेताओं से कह रही है हम तुम्हें दिन में तारे दिखा देंगे और नेता जनता के चरण रज तलाश रहे हैं। मीडिया परेशान है कि सिद्धू ना बोल रहे हैं ना दिख रहे हैं गला खराब हुआ तो क्या तारीफ चालीसा ट्वीट तो कर सकते हैं वैसे भी लोग मानते हैं कि उनकी चालीसा में सिर्फ नाम बदलते हैं चौपाइयां तो वही रहती हैं। वैसे तो बल्लेबाज़ी तो सिद्धू ने खूब की, बस ये भूल गए कि उनका कप्तान कौन है, चंडीगढ़ वाले सरदारजी या नई दिल्ली वाले जनेउधारी श्रेष्ठ गोत्रवाले धवल वस्त्र वाले पप्पू भैया। गालिबन सिद्धू का मन अब दोनों जगह नहीं लग रहा है जैसे गालिब की रूह फेसबुक पर हैप्पी बर्थडे गालिब और केक की फ़ोटो देखकर दुखी हो रही होगी। अरे भाई गालिब केक नहीं शराब के प्रेमी थे। सिद्धू दुखी हैं क्योंकि राजनीति की भाषणबाजी ने उनका गला खराब कर दिया है अब वो गुरु टाइप कॉमेंट्री और गले से ठहाका लगाने की आवाज़ कैसे निकालेंगे भले ही जोक कितना ही फूहड़ और असरहीन क्यों ना हो। पंजाब और दिल्ली की राजनीतिक टीम से आउट होने के बाद प्रति दिन दस हज़ार लोगों को सेल्फी का पोज देने वाले सिद्धू अचानक बेरोजगार हो गए और इमरान की दोस्ती में हिट विकेट होकर अपनी आँसू वाली चादर पैविलियन में बैठे धो रहे थे कि कपिल शर्मा की नजर उन पर पड़ गयी। कपिल शर्मा और सिद्धू दोनों गले लगकर खूब रोये। सिद्धू ने दोनों टीमों से अपने निकाले जाने का रोना रोया और राजनीति को मौकापरस्ती कहा। कपिल शर्मा ये सुनकर बिलख-बिलख कर रोते हुए बोले”सिनेमा और टीवी वाले तो और भी बेवफा निकले। मैंने अपने शो पर हर किसी को बुलाया और हर घटिया से घटिया फ़िल्म और एक्टर को प्रमोट किया। मेरे शो पर हर कोई आया मेरी शादी में कोई नहीं आया। हीरो-हीरोइन देखने के चक्कर में इतने लोग बारात में आ गए कि खाना कम पड़ गया। बैंड वाले, टेंट वाले, होटल वाले सब इसी चक्कर में थे कि कि सेलेब्रिटी आएंगे तो वो अपने माल की फ़ोटो उनके साथ खींचकर वायरल कर देंगे और उनकी मुफ्त पब्लिसिटी हो जायेगी। मैंने भी ऐसी ही गोट फिट की थी कि इन्ही सेलेब्रिटीज़ के सहारे टेंट-होटल वालों का प्रचार हो जायेगा और मुझे पैसे भी नहीं देने पड़ेंगे। लेक़िन सेलेब्रिटीज़ के ना आने से सब गुड़ गोबर हो गया और सारे लोगों के पैसे मुझे भरने पड़े। और तो और किसी चैंनल को अब शादी के वीडियो के राइट्स भी नहीं बेच पाऊंगा क्योंकि कोई सेलेब्रिटी है ही नहीं वीडियो में। इसलिये मैंने फैसला किया है कि मैं अपने शो पर यसआरके को नहीं बुलाऊंगा वैसे भी वो जीरो हो चुका है बल्कि केआरके को बुलाऊंगा। कमाल राशिद खान आजकल देशद्रोही 2 बना रहे हैं। यू नो पा जी देशद्रोही शब्द कितना हॉट टॉपिक है मीडिया में शो हिट हो जायेगा। सिद्धू ने रोते -हंसते बोले”देशद्रोही शब्द का नाम ना ले गुरु अब क्या बोलूं वैसे भी गला खराब है”दोनों बड़ी देर तक बतियाते रहे और अंत में कपिल शर्मा ने सिद्धू को अपने शो में जगह दे दी। अंत में एक पंजाबी ने ही दूसरे पंजाबी की मदद की। थोड़ी सी जीत पर ताल ठोंक रहे, सबको दिखा देने के फिराक में हैं पंडित राहुल गांधी ने शुभ महूर्त निकालकर बता दिया कि किसी नए बंगले में शिफ्ट होने का शुभ महूर्त क्रिसमस होता है। केजरीवाल ने चुन -चुनकर आपियों को बाहर निकालने का सिलसिला जारी रखा है और इस हफ्ते अलका लांबा को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। माल्या ने लंदन से ही आर्थर रोड जेल की सुविधाएं देख ली और मेहुल चौकसी को भी बुला लिया है। आर्थर रोड के कैदी इस बात से बहुत उत्साहित हैं कि किंगफिशर के कैलेंडर गर्ल्स का अगला फ़ोटो शूट शायद उनकी ही जेल में हो। हमारे पड़ोस में वजीरे आजम इमरान खान क्रिकेट से रिटायर होने के बावजूद भी बाउंसर मारे जा रहे हैं जिससे पाकिस्तान के अलावा दक्षिण एशिया में तनाव कम हो रहा है। मीम बनाने वाले लड़के बेरोजगार हुए जा रहे हैं अब लोग चुटकुला सुनने के बजाय लोग सिर्फ इमरान खान का बयान सुन लेते हैं तो उनके चेहरे पर मुस्कराहट आ जाती है। इसे कहते हैं एक सियासती बंदे की कौम की खिदमत। वैसे हमारे यहां जनसेवा का ये कार्य राहुल गांधी बहुत पहले से कर रहे हैं। तो इमरान खान ने कहा है कि हम इंडिया को दिखा देंगे माइनरटी के साथ कैसे रहा जाता है। अच्छी बात है उन्होंने बड़ा ख्याल किया तालिबान खान यानी इमरान खान ने एक पाकिस्तान में बदहाल मानी जाने वाले गोपाल चावला को पक्का आतंकवादी बना दिया ये उनकी देखभाल का नतीजा है वो तो मोहम्मद कैफ ने उनको आकड़े देकर कैच आउट कर दिया वरना नसीरुद्दीन शाह ने भी कहा है अपना रास्ता देखो बाबा हमारी अंगीठी पर हमारे ही मुल्क की सियासी खिचड़ी पकेगी तुम्हारे मुल्क की झूठी सियासी बिरयानी नहीं। लोगों ने इमरान के इस बयान की तुलना बसपा के बहुमत के दावे से की है। जीरो सीट होने पर भी प्रधानमंत्री बनने का प्लान ऐसा ही है। उधर टोटीवीर अखिलेश यादव ने शर्त रखी है कि मायावती का बिना पर्चा पढ़े बयान देना शुरू कर दें तो महागठबंधन की जितनी मर्ज़ी हो उतनी सीटें ले ले। इमरान खान भी कुछ ऐसे हैं उन्होंने घरेलु मोर्चे पर हर बाशिंदे से बीस-बीस रुपये मांगे हैं बांध बनाने के लिये और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हर मंच पर टका-टका मांग रहे हैं मांगने का ये आलम है कि बांग्लादेश भी उन्हें टका देने को ठीक से तैयार नहीं है, बल्कि कुछ गिरवी मांग रहा है। बांग्लादेश इसे अपनी नैतिक जीत के तौर पर देख रहा है कि पाकिस्तान कुछ गिरवी रखेगा। वैसे पाकिस्तान को अपनी गिरवी चीज को दुबारा गिरवी रखने में महारत हासिल है। बांग्लादेश अपनी अर्थव्यवस्था के लिये तो भारत पर निर्भर है लेकिन दूसरे को कर्जा देगा ज़रूर। इसे ही कहते हैं”तेरा पानी मैं भरूँ, मेरा भरे कहाँर”। सब देखने-दिखाने में मशरूफ हैं, हाफ़िज़ सईद ज़ी न्यूज़ को देख लेने की धमकी ले रहे हैं उन्हें शिकायत है कि अपने तीस मिनट के भाषण में उन्होंने 24 बार मोदी का नाम लिया और 5 बार इंशाअल्लाह कहा लेकिन उस चैनल ने सिर्फ 4 बार इंशाअल्लाह शब्द की रिपोर्टिंग है बकौल हाफ़िज़ सईद ये अल्पसंख्यक लोगों के साथ भेदभाव है। लेकिन भारत में भाईचारा बहुत है। तीनों खान सुपरस्टार इसकी मिसाल है जहां रेस3 में सलमान की नाकामी को आमिर ने निभाया लेकिन हिंदुस्तान की जनता ने उन्हें ठग लिया फिर शाहरुख ने भी दोनों खानों से भाईचारा निभाया और सबकुछ गंवा कर जीरो फुस्स हो गया। एक वर्ष में तीन खान सुपरस्टारों की फिल्में फ्लॉप होने को ओवैसी ने मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार माना है और इसे फासीवाद करार देते हुए पूछा है कि इससे पहले सभी खानों की फ़िल्म एक साथ फ्लॉप क्यों नहीं हुई वो सरकार से इसका जवाब मांगेंगे। वैसे जवाब तो अनुपम खेर को भी देना है कि बीजेपी-बीजेपी भजते-भजते वो कांग्रेस के नेताओं का रोल क्यों करने लगे। पैसों की सुनें या पत्नी की पार्टी देखें बड़ी पशोपेश में है ये अभिनेता कि किसको अपनी वफादारी दिखाएं और किसको अपना अभिनय। कल एक हज़रत बता रहे थे कि शोले फ़िल्म में अमिताभ फरमाते हैं कि मैं जेल जाना चाहता हूं तो सुरमा भोपाली कहते हैं कि अल्लाह आपकी तमन्ना पूरी करे। कहीं सुरमा भोपाली की दुआ अल्लाह सच में ना कुबूल कर ले क्योंकि बच्चन पर फिर किसान बनने का चस्का लगा है। उन्होंने फिर किसानी करने के लिये काकोरी में खेत खरीदे हैं पिछली बार किसान बनने चले थे तो जेल जाते-जाते बचे थे इस बार भी किसानी, , खुदा या खैर/इधर बहुत कुछ देखने-दिखाने की बात हो रही है अमेरिका ओपेक को तेल उत्पादन में कटौती पर आंखे दिखता है, चीन और अमेरिका एक दूसरे से ट्रेड वार में जमीन दिखा देने की बात कर रहे हैं। मुलायम सिंह, शिवपाल यादव के संम्मेलन में बेटे के लिये वोट मांगते दिख जाते हैं, बंगाल पर सवाल करता हर व्यक्ति ममता बनर्जी को सीपीएम कैडर दिखता है और राहुल गांधी को हर जिताऊ समीकरण सेक्युलर दिखता है। इसी सब उधेड़बुन में पत्नी की कर्कश ध्वनि सुनायी पड़ी “अजी सुनते हो, टीवी शायद खराब हो गया है अब इसमें नागिन की पिक्चर क्लियर नहीं आती इसको ज़रा दिखा दो। मैंने भी जोश में कह दिया ”ऐ नागिन, हम भी तुझे दिखा देंगे”। कर्कशा चीख कर बोली”नागिन किसे कहा तुमने, अब तुम्हें मैं दिखाती हूँ अपना ज़हर”। इस अहमकाना लफ़्फ़ाज़ी पर हम क्या देखें और क्या दिखाएं, अल्लाह मुहाफ़िज़ है।