नई दिल्ली। मध्य जिला पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला कराने वाले गैंग के तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों की पहचान रोहित सिंह उर्फ डॉ अरविंद सिंह (39), कमल किशोर (42) और सुनील सिसोदिया (39) के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपितों के पास से भारी मात्रा में ठगी में इस्तेमाल किए जाने वाले कागजात, जिनमें दाखिले से संबंधित फर्जी दस्तावेज, बैंक ड्रॉफ्ट, वारदात में इस्तेमाल फोन व अन्य सामान, बरामद किए हैं। आरोपितों के पास से दर्जनों छात्रों के नाम व पते बरामद किए हैं। पुलिस अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि गैंग ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों से करोड़ रुपये की ठगी की। पुलिस को गैंग के एक अन्य सदस्य की तलाश है।
पुलिस के अनुसार, शिकायतकर्ता सुरेश कुमार ने बताया कि वह परिवार के साथ न्यू नंदवानी नगर, सोनीपत में रहता है। सुरेश अपनी बेटी का एमबीबीएस में दाखिला करवाना चाहता था। आरोप है कि सितम्बर में इसकी बेटी के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें एमबीबीएस में दाखिला करवाने की गारंटी दी गई थी। सुरेश ने दिए गए नंबर से संपर्क किया तो आरोपित ने अपना नाम डॉ अरविंद सिंह बताया। अपना दफ्तर बल्लभगढ़, फरीदाबाद में एडमिशन गाइडेंस के नाम से बताया। आरोपित ने उससे कहा कि वह हेल्थ मिनिस्ट्री के कोटे में दाखिला करवाते हैं। फोन पर बातचीत होने के बाद 43 लाख में सौदा हुआ। गत 14 सितंबर को आरोपितों ने सुरेश को एडमिशन कराने के लिए दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज बुला लिया। एडमिशन कराने का ऐसे देते थे झांसा आरोपितों ने सुरेश व उसकी बेटी को मौलाना आजाद मेडिकल बुलाकर वहां उसे एक व्यक्ति को एडमिशन ऑफिसर बनाकर मिलवाया। एडमिशन ऑफिसर ने बकायदा कॉलेज का फॉर्म भरा और कॉलेज के बैंक में चार हजार रुपये फीस जमा करवाकर उसकी रसीद सुरेश को दी। बताया गया कि उसका एडमिशन हो गया। इसके बाद पीड़ित परिवार से पहली किस्त 10 लाख रुपये ले ली गई। बाद में बाद 3.60 लाख रुपये और ले लिये गए। इसकेोपितों ने पीड़ित परिवार को बताया कि एडमिशन पर किसी ने आरटीआई लगा दी है। बाद में एडमिशन कैंसल होने की बात बताई गई। बाद में आरोपितों ने न तो रुपये वापस किए और न ही एडमिशन करवाया। ऐसे पकड़ में आए आरोपी पीड़ित सुरेश ने मामले की शिकायत आईपी इस्टेट थाने में की। जांच के बाद पुलिस ने सोमवार को इसमें एफआईआर दर्ज की। इधर पुलिस ने आरोपितों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड खंगाला। आरोपित अरविंद ने पीड़ित परिवार से कहा कि वह नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में उनकी बेटी का दाखिला करवा देता है। पुलिस के कहने पर आरोपियों को शारदा यूनिवर्सिटी के पास बुलाया गया। वहां से पुलिस ने पहले डॉ अरविंद सिंह उर्फ रोहित को दबोचा। बाद में उनकी निशानदेही पर कमल और सुनील को भी गिरफ्तार कर लिया। आरोपी अरविंद एक प्राइवेट स्कूल का मैनेजर है, कमल एसओएल में छात्रों के फॉर्म भरवाता है। वहीं सुनील आनंद पर्वत इलाके में एक फैक्टरी में काम करता है।