नई दिल्ली। कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के सदस्यों के विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामे के कारण शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह लोकसभा में कोई कामकाज नहीं हुआ और अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन प्रश्नकाल के बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित करनी पड़ी जबकि पहले दिन मंगलवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गयी थी। शुक्रवार को सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल में स्थगित रहने के बाद दोबारा जैसे ही शुरू हुई विपक्षी दलों के सदस्य फिर हंगामा करते हुये आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। राफेल लड़ाकू विमान सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उच्चतम न्यायालय के फैसले से उत्साहित सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और उससे माफी माँगने की माँग करने लगे।
विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच भाजपा के अनुराग ठाकुर, गणेश सिंह, प्रह्लाद जोशी, संजय जयसवाल तथा कई अन्य सदस्य राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से माफी माँगने की माँग करने लगे। कांग्रेस के गौरव गोगोई, रंजीत रंजन, रवनीत सिंह तथा कुछ अन्य सदस्य सदन के बीचोंबीच आकर मोदी सरकार पर इस सौदे में गड़बड़ी और उसमें शामिल होने का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जाँच कराई जानी चाहिए।
हंगामे के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि राफेल सौदे में कांग्रेस ने देश को गुमराह किया है और दुनिया के समक्ष भारत की छवि धूमिल की है। कांग्रेस अध्यक्ष को इसके लिए न सिर्फ सदन से, बल्कि देश से माफी माँगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राफेल सौदे में दायर जनहित याचिका पर दिये अपने फैसले में कहा है कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा देश के लिए लाभकारी है और इसे लेकर किसी तरह के सवाल उठाये जाने की गुंजाइश नहीं है। श्री सिंह के बयान के बाद भी सदन में हँगामा न थमता देख श्रीमती महाजन ने सदस्यों से शांत रहने और अपनी-अपनी सीटों पर जाने का अाग्रह किया, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। अंतत: अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।