गुरुग्राम। लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह पर फर्जी डिग्री लेने और चुनाव आयोग को गलत शैक्षणिक ब्योरा देने के आरोप लगे हैं। आरटीआइ कार्यकर्ता हरिंद्र ढींगरा ने शुक्रवार को एक प्रेसवार्ता कर यह आरोप लगाए। आरटीआइ से मिली जानकारी को आधार बनाते हुए ढींगरा ने कहा कि उन्होंने मई, 2017 में आरटीआइ लगाई थी। इसमें उन्होंने कैबिनेट मंत्री की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी। आरटीआइ के जवाब में जानकारी देने से मना कर दिया गया।
इसके बाद उन्होंने प्रथम अपील दाखिल की। उन्हें 1 दिसंबर, 2018 को तमाम चुनावों में दिए शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिल पाई। इसमें सामने आया है कि राव नरबीर ने चुनाव आयोग में दाखिल किए अपने दस्तावेजों में गलत जानकारी दी और झूठे शपथ पत्र दाखिल किए। ढींगरा ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग को गुमराह करने पर केंद्रीय चुनाव आयोग से शिकायत करके नरबीर की सदस्यता रद करने की मांग की है। इससे पहले भी वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जानकारी देकर मंत्री को पद से हटाने की मांग कर चुके हैं।
ढींगरा के डीएलएफ फेज-1 स्थित घर के सामने प्रेसवार्ता चल ही रही थी कि अचानक नगर निगम के एसडीओ मनोज कुमार पुलिस बल के साथ पहुंचे और उन्होंने कहा उनको अतिक्रमण करने की शिकायत मिली है। लोगों ने सवाल किया तो बताया मौखिक शिकायत की गई थी। किसने शिकायत की, इस सवाल पर उन्होंने कुछ नहीं बताया। हरिंद्र ने कहा कि उन्हें परेशान करने के लिए टीम भेजी गई थी। अब उनकी जान का खतरा भी है। नरबीर पर यह हैं आरोप
ढींगरा के मुताबिक राव नरबीर ने वर्ष 2005 में 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से करने का शपथ पत्र दिया, जबकि 2009 में चुनाव में उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से करने की बात कही। ढींगरा ने कहा कि कैबिनेट मंत्री ने जिस विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन का दावा किया, वह डिग्री भी फर्जी है। बकौल, ढींगरा हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग द्वारा 1967 के बाद जारी तमाम डिग्रियों को सुप्रीम कोर्ट फर्जी करार दे चुका है।
मैंने, कोई फर्जी प्रमाण पत्र नहीं हासिल किया। हरिंद्र ढींगड़ा ने हमारे ऊपर दो बार दसवीं करने का आरोप लगाया है, जो गलत है। मेरे सभी शैक्षिक प्रमाण पत्र सही हैं। हरिंद्र मेरे राजनीतिक विरोधियों के साथ मिलकर हमारे खिलाफ साजिश रच रहे हैं। जल्द ही उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा।