अकोरा खट्टक (पाकिस्तान)। इस्लामिक मौलवी, मौलाना समी उल-हक के हजारों समर्थकों और अनुयायियों ने यहां उनके अंतिम संस्कार में शनिवार को हिस्सा लिया। मौलाना समी को ‘फादर ऑफ तालिबान’ भी कहा जाता था।राजनीतिक दल जमीयत उलमा-ए-इस्लाम के नेता समी उल-हक की शुक्रवार को रावलपिंडी शहर में हत्या कर दी गई थी। हालांकि उनके निधन के कारण और स्थान को लेकर परस्पर विरोधी बातें कही जा रही हैं। मौलाना समी के बेटे, मौलाना हामिद उल-हक ने पाकिस्तान के जियो टीवी से कहा, ‘वह अस्र के समय अपने कमरे में आराम कर रहे थे, उसी दौरान उनका वाहन चालक व अंगरक्षक 15 मिनट के लिए बाहर गया।बेटे ने कहा, ‘जब वह लौटा तो उसने मौलाना समी उल-हक को बिस्तर पर मृत पाया और उनका शव खून से लथपथ था। बेटे ने कहा कि उनके पिता पर कई बार छुरे से वार किया गया था।समी उल-हक उत्तरी पाकिस्तान के एक इस्लामिक स्कूल, हक्कानिया मदरसा के प्रमुख भी थे, जहां कई तालिबान सदस्यों ने अध्ययन किया था। इसमें तालिबान का संस्थापक मुल्ला उमर भी शामिल रहा है। समी उल-हक का पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी से घनिष्ठ संबंध रहा है।समी उल-हक के एक भतीजे मोहम्मद बिलाल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें रावलपिंडी के दक्षिण 25 किलोमीटर दूर इस्लामाबाद के पास स्थित उनके घर में मृत पाया गया, और उनके शरीर पर गोलियों और चाकू के कई निशान थे।