नयी दिल्ली। खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्रालय के स्कूलों में पाठ्यक्रम को घटाकर आधा करने और खेलों को अनिवार्य करने के फैसले का स्वागत किया। राठौड़ ने पीएचडी चैम्बर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के 113वें सालाना सत्र के दौरान राठौड़ ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश के खिलाड़ियों के आत्मविश्वाास और उनके रवैये की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी सरकार इसे अकेले नहीं कर सकती। यह एकजुट प्रयास है।’’
जिन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया, उनका उदाहरण पेश करते हुए राठौड़ ने कहा कि वे इतने आत्मविश्वास से भरे थे और ऐसा पहले देखने को नहीं मिलता था। खेल मंत्री ने कहा कि हिमा दास, स्वप्ना बर्मन, सुशील कुमार, रविंद्र जडेजा जैसे खिलाड़ी शानदार उदाहरण है जिनके पास कुछ नहीं था लेकिन उन्होंने कुछ कर दिखाने की भूख से सफलता अर्जित की।
राठौड़ ने कहा, ‘‘मुझे गर्व है कि हम खेलों को जमीनीं और एलीट स्तर पर ले जाने में सफल रहे। मेरा विश्वास कीजिये मैंने इस तरह का आत्मविश्वास और चैम्पियन की तरह का गुरूर नहीं देखा था जो हमारे एथलीट इन दिनों दिखा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर जाकर केवल भारत का प्रतिनिधित्व ही नहीं कर रहे बल्कि स्वर्ण पदक हासिल कर रहे हैं। इस तरह का रवैया काफी नया है जो शानदार है। राठौड़ ने जोर दिया कि किस तरह शिक्षा केवल कक्षाओं तक ही सीमित नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हाल में, शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे पाठ्यक्रम को घटाकर आधा कर देंगे और वे खेलों को अनिवार्य भी कर देंगे। यह स्वागत योग्य कदम है। यहां तक कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं, ‘जो खेलेगा, वो खिलेगा’।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शिक्षा केवल कक्षाओं तक संबंधित नहीं है। काफी कुछ मैदान पर सीखा जाता है।’’