नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने प्राथमिक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा बनाने पर जोर दिया और कहा है कि शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होने के कारण बच्चों में आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना पनपती है। नायडू ने शुक्रवार को हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में कहा ‘‘मैं सदैव नयी भाषायें सीखने का पक्षधर रहा हूं। हर भाषा नया ज्ञान लाती है परंतु प्रारंभिक शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होना ही चाहिये।’’
उन्होंने कहा ‘‘शिक्षा और ज्ञान का पहला संस्कार मातृभाषा में ही पड़ता है। ऐसे कई अध्ययन हुये हैं जो बताते हैं कि शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होने के कारण बच्चों में आत्मविश्वास की कमी और हीनभावना देखी गयी है।’’
उपराष्ट्रपति ने कहा ‘‘मैं वह दिन देखना चाहता हूं जब हमारी प्राथमिक शिक्षा का माध्यम हमारी मातृभाषा होगी। इससे हम उच्चतर शिक्षा और शोध में भी मातृभाषा का प्रयोग कर सकेंगे। इससे प्रशासन में भी मातृभाषा की सहज स्वीकार्यता बढ़ेगी और उसका आधिकारिक प्रयोग होगा।’’ इस अवसर पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह, गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू और हंसराज अहीर तथा केन्द्रीय मंत्री रामदास आठवले भी मौजूद थे।