नयी दिल्ली। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि भारत और रूस ने सोना तथा हीरे के खनन और भूवैज्ञानिक खोज तथा कृषि क्षेत्र में आर्थिक सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की है। रूस के उप-प्रधानमंत्री यूरी त्रुतनेव और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु के बीच बैठक के दौरान इन मुद्दों पर चर्चा की गयी।प्रभु रूस के व्लादिवोस्तक में हैं। वह वहां 11 से 13 सितंबर में होने वाले सुदूर पूर्वी आर्थिक मंच (फार ईस्टर्न एकोनोमिक फोरम) की बैठक में भाग लेने के लिये वहां गये हैं।वाणिज्य मंत्री ने सुदूर पूर्वी देश के गवर्नरों को व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ सहयोग की संभावना टटोलने के लिये भारत आने का न्यौता दिया। भारत पहला देश है जिसने 1992 में व्लादिवोस्तक में स्थानीय वाणिज्य दूतावास स्थापित किया है। हालांकि भारत का मौजूदा गतिविधियां कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित है। बयान के अनुसार, ‘‘व्यापार संबंधों को मजबूत बनाने के लिये यह जरूरी है कि भारत और व्लादिवोस्तक के बीच संपर्क आसान, सस्ता और कम समय लगने वाला है।’’सुदूर पूर्व क्षेत्र रूस का पूर्वी हिस्सा है। इसमें वे नदी बेसिन शामिल है जो प्रशांत महासागर में जाती हैं।