कंप्यूटर से लैपटॉप और अब मोबाइल तक में इंटरनेट के विविध प्रकार के प्रयोगों ने मानो एक नई क्रान्ति-सी ला दी है। अगर विश्व की कंप्यूटर क्षेत्र से सम्बद्ध जानी-मानी आईबीएम कम्पनी द्वारा जारी आंकड़ों की बात करें तो पता चलता है कि दुनिया भर में विकसित किये जाने वाले 85 प्रतिशत से अधिक कंप्यूटर/मोबाइल एप्लिकेशंस क्लाउड कंप्यूटिंग पर आधारित हैं। इसी प्रकार नास्डेक के अध्ययनों में बताया गया है कि इस वर्ष के अंत तक 40 मिलियन डॉलर से अधिक निवेश सिर्फ क्लाउड कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजी पर किया जाना है।
क्या है क्लाउड कंप्यूटिंग: यह एक वास्तविकता है कि रोजमर्रा के जीवन से लेकर ऑफिस तक के कार्यकलापों में हम इंटरनेट पर पूरी तरह से आश्रित हो गए हैं। कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल और डिजिटाइजेशन की दिशा में बढ़ने के कारण विविध प्रकार के डाटा का भी वृहद् पैमाने पर सृजन हो रहा है। वैश्विक तौर पर ये डाटा ईमेल, टेक्स्ट या ऑडियो-विजुअल फॉर्मेट में अत्यंत तेज गति से सृजित हो रहे हैं। इस विशाल डाटा का भंडारण और रखरखाव इतना आसान नहीं है। किसी एक व्यक्ति के लिए ही नहीं, बल्कि कंपनियों तक के लिए यह बहुत ही जटिल और खर्चीला मामला हो जाता है। इसी समस्या का समाधान ढूंढ़ने के प्रयास में क्लाउड कंप्यूटिंग की एक नई विधा अस्तित्व में आई है। बुनियादी तौर पर यह स्टेट ऑफ द आर्ट या अत्यंत उन्नत तकनीक है। मोटे तौर पर कहा जाए तो क्लाउड कंप्यूटिंग बड़े पैमाने पर वर्चुअल स्टोरेज की सुविधा प्रदान करती है, जिसे दुनिया के किसी भी कोने से एक्सेस किया जा सकता है।.
कैसा एप्टिट्यूड है जरूरी
इस प्रोफेशन में जाने वाले युवाओं के लिए आवश्यक है कि उनमें किसी भी तरह की समस्या का समाधान ढूंढ़ने का जुनून हो। टीम के अन्य सदस्यों के साथ वे न सिर्फ सम्मानजनक बर्ताव करें, बल्कि उनकी कम्युनिकेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की क्षमता तथा हमेशा लीक से हटकर, कुछ नया सोचने और कर दिखाने का जज्बा भी इस तरह के करियर में काफी मायने रखता है।.
शैक्षिक योग्यता
क्लाउड कंप्यूटिंग का प्रशिक्षण लेने के लिए सूचना तकनीक (आईटी) या कंप्यूटर साइंस का बैकग्राउंड होना आवश्यक है, ताकि प्रत्याशी के पास कंप्यूटर और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के बारे में प्रारम्भिक जानकारी हो। इस क्षेत्र में काम का अनुभव है तो फिर सोने पर सुहागा वाली बात होगी। ऐसी पृष्ठभूमि होने से सीखने में काफी आसानी हो जाती है। इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए पायथन और जावा कंप्यूटर लैंग्वेज की काफी उपयोगिता है।
प्रशिक्षण
देश-विदेश में बड़ी संख्या में निजी संस्थानों द्वारा क्लाउड कंप्यूटिंग पर आधारित कम अवधि और दीर्घ अवधि के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इनमें माइक्रोसॉफ्ट द्वारा संचालित ‘माइक्रोसॉफ्ट क्लाउड प्लेटफॉर्म एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर’, ‘सिस्को सर्टिफाइड नेटवर्क एसोसिएट क्लाउड’, ‘गूगल सर्टिफाइड प्रोफेशनल आर्किटेक्ट’ आदि का खासतौर पर जिक्र किया जा सकता है।
आईबीएम और आईआईटी, बेंगलुरु द्वारा भी ऐसे कुछ पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। कुछ निजी विश्वविद्यालयों द्वारा मास्टर डिग्री स्तर के पाठ्यक्रम भी आयोजित किये जा रहे हैं। यही नहीं, इस क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा ट्रेनिंग वर्कशॉप भी आयोजित की जाती हैं। इनकी फीस देकर ऐसी वर्कशॉप का भी लाभ उठाया जा सकता है। इस तरह की सूचनाएं और जानकारियां आमतौर पर इंटरनेट और सम्बंधित वेबसाइट के माध्यम से मिल सकती हैं। यहां यह उल्लेख करना भी प्रासंगिक होगा कि अमूमन इस क्षेत्र की कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रशिक्षण के लिए भी अपने खर्च पर भेजती हैं।
रोजगार के अवसर
देश में क्लाउड सर्विस प्रदान करने वाली कंपनियों की कमी नहीं है। इनमें कई प्रकार की नौकरी के विकल्प मिल सकते हैं। क्लाउड कंप्यूटिंग की विधा में माहिर युवाओं को विविधतापूर्ण रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते हैं। इनमें क्लाउड कंप्यूटिंग इंजीनियर, क्लाउड आर्किटेक्ट, क्लाउड सपोर्ट इंजीनियर, क्लाउड सॉल्यूशन इंजीनियर, क्लाउड एडमिनिस्ट्रेटर, क्लाउड मैनेजमेंट प्रोफेशनल, आईटी सिस्टम्स एंड यूजर्स सपोर्ट, एप्लिकेशन डेवलपमेंट, बिजनेस एनालिसिस, नेटवर्क, सिक्योरिटी एंड वेब डेवलपमेंट आदि का जिक्र प्रमुख रूप से किया जा सकता है। इस विधा में काम का अनुभव रखने वाले लोगों को भारतीय कंपनियों के अलावा मल्टीनेशनल कंपनियों में भी नौकरियों के पर्याप्त अवसर मिल सकते हैं।
डिजिटल इंडिया
सरकारी तौर पर यह पहले ही एलान किया जा चुका है कि डिजिटल इंडिया के लिए 4.5 लाख करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है और इसके तहत 17 लाख नए रोजगार के अवसर सृजित किये जायेंगे। इस कार्यक्रम के अंतर्गत देश को डिजिटल रूप से सशक्त अर्थव्यवस्था के तौर पर रूपांतरित किया जाएगा। 2.5 लाख से अधिक गांवों को ब्रॉडबैंड के अंतर्गत लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त इस योजना में देश के 100 से अधिक शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है। क्लाउड कंप्यूटिंग की डिजिटल इंडिया के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका होगी। क्लाउड कंप्यूटिंग की टेक्नोलॉजी द्वारा सबसे अधिक लाभ देश के लघु उद्योगों को मिलने की उम्मीद है। इसका प्रभाव औद्योगिक विकास और नए रोजगार के सृजन में देखने को मिल सकता है।
कम्प्यूटर और आईटी के क्षेत्र में काफी नई उथल-पुथल देखने को मिली है। इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल को इस शृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर चिह्नित किया जा सकता है। और क्लाउड कम्प्यूटिंग एक उभरता हुआ करियर है। करियर के बारे में विस्तार से बता रहे हैं काउंसलर अशोक सिंह.
कुछ प्रमुख पाठ्यक्रम
ईएमसी क्लाउड आर्किटेक्ट, आईबीएम सर्टिफाइड सॉल्यूशन आर्किटेक्ट, एचपी एक्सपर्ट वन क्लाउड सर्टिफिकेशन, सर्टिफिकेट ऑफ क्लाउड सिक्योरिटी नॉलेज, वीएम वेयर क्लाउड सर्टिफिकेशन, ईएमसी क्लाउड इन इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सर्विसेज सर्टिफिकेशन
प्रमुख संस्थान
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली.
(देश में कई जगह शाखाएं मौजूद).
एनआईआईटी
(देश में कई जगह शाखाएं मौजूद)
बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी