ऑफिस में अनौपचारिक होना अक्सर अच्छा नहीं माना जा सकता। आइए ऐसे कुछ बिंदुओं पर डालें नजर, जिनसे दूर रहना जरूरी है…
धीमी आवाज, शालीन अंदाज
ऑफिस आने के बाद अभिवादन को असरदार बनाने के लिए आपका अंदाज तभी प्रभावी होगा, जब वह शालीन होगा। ध्यान रहे, धीमी आवाज में बात करने से आपके आसपास बैठे सहकर्मी डिस्टर्ब नहीं होंगे और शालीन अंदाज आपको हमेशा सबका प्रिय बनाए रखेगा।
नाराज न हो जाए कोई
आपके इंकार से कोई नाराज न हो जाए, यह डर आज ही निकाल दें। यसमैन बनने यानी हां में हां मिलाने से आपकी छवि अच्छी नहीं, बल्कि खराब भी हो सकती है।
यहां कोई नहीं बेस्ट फ्रेंड
ऑफिस में व्यक्तिगत या अनौपचारिक होने से अच्छा है कि आप पेशेवर तरीके से पेश आएं। यहां यदि अपना बेस्ट फ्रेंड तलाशते हैं, तो यह जोखिम भरा कदम भी हो सकता है। याद रखें, पेशेवर और व्यक्तिगत संबंध दो अलग बातें होती हैं। ऑफिस में अच्छे कलीग हो सकते हैं, पर वे अच्छे मित्र भी हों, यह हमेशा जरूरी नहीं।
ताका-झांकी क्यों?
यदि किसी की पर्सनल फाइल, कंप्यूटर में ताक-झांक करने की आदत आपकी भी है, तो इसे आज ही बदल डालें। आपके सहकर्मी कंप्यूटर पर क्या कर रहे हैं या कौन सी साइट देख रहे हैं, कहीं गेम तो नहीं खेल रहे, इन बातों से आपको मतलब नहीं रखना चाहिए। यदि आप ऐसी कोशिश करते हैं तो इसका अर्थ है कि आप दूसरों के व्यक्तिगत जीवन के प्रति कोई सम्मान का भाव नहीं रखते हैं। जरा सोचिए, यदि आपका कलीग ही ऐसा करेगा, तो क्या आप इसे पसंद करेंगे?