होम अप्लायंस ने हमारी जिंदगी को बेहद आसान कर दिया है। ये हमारे घंटों के काम मिनटों में बना देते हैं लेकिन इन्हें फिट रखने के लिए इनकी देखभाल भी बहुत जरूरी है। अगर इनकी देखभाल सही तरीके से होगी तो ये न सिर्फ बढ़िया काम करेंगे, बल्कि बार-बार सर्विसिंग के झंझट से भी राहत मिलेगी। एक्सपर्ट्स से बात करके होम अप्लायंस की देखभाल के टिप्स बता रही हैं…
फ्रिज-
कहां और कैसे रखें-
फ्रिज को हमेशा समतल जगह पर रखें, ताकि वह हिले नहीं। इससे उसका कंप्रेसर अच्छी तरह काम करता है।
-इसे दीवार से सटाकर न रखें। तीनों तरफ से दीवार से कम-से-कम 6 इंच की दूरी जरूर हो। दूरी एक फुट हो तो बेहतर है क्योंकि इससे कंप्रेसर की गर्म हवा दीवार से टकरा कर वापस कंप्रेसर पर नहीं लगती। इससे फ्रिज के टेंपरेचर में उतार-चढ़ाव नहीं होता।
-फ्रिज को हवादार जगह पर रखें और गर्म जगह पर न रखें। अगर किचन में रखना जरूरी हो तो चूल्हे से करीब 5 फुट और माइक्रोवेव से 3-4 फुट दूरी पर रखें। फ्रिज को बाहर से गर्मी मिलने पर वह जल्दी खराब हो सकता है।-फ्रिज में फल और सब्जी आदि को प्लास्टिक बैग में रखें, इससे फ्रिज के भीतर नमी कम जमा होगी। वहीं, अगर खाने का कोई सामान कागज में लपेटकर रखा है, तो उसे अल्युमिनियम फॉयल या फिर प्लास्टिक बैग में रखें ताकि खाना सुरक्षित रहे।
-खाने की चीजों को 3-4 दिन में कंज्यूम कर लें। कुक्ड खाने को 48 घंटे में यूज कर लेना चाहिए। अगर ज्यादा देर रखना है तो फ्रिजर में रख दें। यूज के वक्त बाहर निकालकर गर्म करें।-छुट्टियों में बाहर जाते वक्त कुछ लोग फ्रिज को बंद कर देते हैं। यह सही नहीं है। फ्रिज का कंप्रेसर तभी चलता है, जब ठंडक कम हो जाती है। आपकी गैरमौजूदगी में कोई फ्रिज खोलेगा नहीं, सो कंप्रेसर पर प्रेशर नहीं होगा और बिजली की खपत कम होगी।
टेंप्रेचर का गणित
-सिंगल डोर फ्रिज में आमतौर पर ज्यादा ठंडक होती है। उसका तापमान-6 से-16 डिग्री तक हो सकता है। डबल डोर में फ्रीजर का तापमान-6 डिग्री से कम होना चाहिए, जबकि फ्रिज का 4-8 डिग्री के बीच होना चाहिए। फ्रीज में अगर लो, मीडियम और हाई का ऑप्शन है तो गर्मियों में हाई और सर्दियों में लो या मीडियम रख सकते हैं।
-फ्रिज में खाने-पीने की गर्म चीजें कभी न रखें। गर्म खाने को पहले रूम टेंपरेचर पर आने दें, उसके बाद ही उसे अंदर रखें। अंदर तापमान काफी कम होता है। गरम चीज रखने से कंप्रेसर पर लोड पड़ता है। साथ ही, हीट से दूसरे खाने के खराब होने के चांस रहते हैं।
-गेट को बार-बार न खोलें। फ्रिज के चालू रहने पर गेट 20-30 सेकंड से ज्यादा देर तक खुला न छोड़ें, वरना फ्रिज के अंदर का तापमान बढ़ जाता है और फिर से ठंडा होने में बिजली की खपत बढ़ती है।
साफ-सफाई
-महीने में 1 बार फ्रीज को बंद करके अच्छी तरह साफ करें। इसके लिए फ्रिज को 1 घंटे के लिए बंद कर दें। फिर उसका गेट खोल दें और साफ कपड़े से किसी क्लिंजर की मदद से अच्छी तरह साफ करें। रबड़ की सफाई भी अच्छी तरह करें। वैसे, हफ्ते में कम-से-कम एक बार रुटीन सफाई जरूर करें।
-आजकल ज्यादातर फ्रिज फ्रॉस्ट-फ्री आ रहे हैं। अगर फ्रॉस्ट-फ्री नहीं है, तो महीने में एक बार ऑटो-डीफ्रॉस्ट का बटन दबा दें। इससे फ्रिज बंद किए बिना भी कंप्रेसर काम करना बंद कर देता है और बर्फ धीरे-धीरे पिघल जाती है। अगर फ्रिज की सतह के अंदर या बाहर बर्फ जम जाए तो उसे डीफ्रास्ट कर दें। जमी हुई बर्फ को चाकू या किसी नोकदार चीज से उखाड़ने की कोशिश न करें। इससे फ्रिज खराब हो सकता है।
-फ्रिज का दरवाजा ठीक से बंद रखें। झटके से न खोलें। इससे बल्ब और रबड़, दोनों खराब हो सकते हैं।
-फ्रिज में पुदीने की हरी पत्तियों की गुच्छी, किसी कप में खाने का सोडा, एक कटा नींबू या उसका रस या गुलाब जल में भीगी हुई रूई रखने से दुर्गंध नहीं रहती।
टॉप टिप्स
-ज्यादा सामान न रखें। खाने की चीजों के बीच 1 इंच का फासला हो तो बेहतर है। फ्रिज के भीतर ठंडक बनाए रखने के लिए कुछ फैन होते हैं जिनसे ठंडक फ्रीज में आती है। इनके सामने न रखें वरना पूरा फ्रिज ठंडा नहीं होगा।-खाना ढककर रखें, वरना फ्रिज में महक हो सकती है। तेज महक वाली चीजें जैसे प्याज, लहसुन आदि को एयर टाइट कंटेनर में रखें।
-आजकल कुछ फ्रिज में हॉलिडे मोड भी आता है। छुट्टियों पर जाने से पहले फ्रिज को उस मोड पर कर दें। यह मोड नहीं है तो अगर 5-7 दिन के लिए बाहर जा रहे हैं तो फ्रिज से सारा सामान निकाल दें।
-ध्यान रखें कि फ्रिज के स्विच में अर्थिंग भी हो। ज्यादा करंट आने की स्थिति में यह फ्रिज को नुकसान से बचा लेता है।
एसी कहां लगाएं
-एसी को ऐसी जगह पर लगवाएं, जहां धूप और धूल की मार कम पड़ती है।
-ठंडी हवा आमतौर पर नीचे आती है, इसलिए विंडो एसी बेड की ऊंचाई से थोड़ा ऊंचा लगवाएं तो बेहतर है।
-स्प्लिट एसी की सफाई के दौरान कॉपर पाइप (जो कमरे तक आता है) की सही फिटिंग बहुत जरूरी है। कई बार जोर आजमाइश के चलते यह पाइप डैमेज हो जाता है और खर्चा बढ़ जाता है। ध्यान से लगवाएं।
साफ-सफाई और सर्विसिंग
-नए सीजन के शुरू में सर्विस जरूर करा लें। सर्विस न कराने से यह ठंडा कम करेगा और कंप्रेसर पर प्रेशर ज्यादा पड़ेगा। जंग भी लग सकती है।
-सर्विस में देखें कि फिल्टर, आउटडोर आदि की सफाई ढंग से हो। सर्विस के बाद 15 मिनट एसी चलाकर देख लें कि कूलिंग ठीक से हो रही है या नहीं।
-किसी भी तरह की सफाई करने से पहले एसी की बिजली सप्लाई पूरी तरह से बंद कर दें। सॉकेट से प्लग बाहर निकाल दें।
-वक्त हो तो बाहर की यूनिट को नीचे उतरवाकर साफ कराएं। इससे सफाई ज्यादा अच्छी और इत्मिनान से होती है।
-अक्सर मकैनिक सीधे पानी डालकर साफ करने को कहते हैं। पहले सूखे कपड़े से ऊपर का कवर साफ करवाएं फिर पानी डालकर साफ करवाएं।
-कॉयल क्लीनर से साफ कराएं। मोटराइज्ड पार्ट्स (फैन, रोटेटर आदि) की ऑयलिंग जरूरी है। स्प्रे से ऑयलिंग करना बेहतर है।
-अगर कोई आजमाया हुआ मकैनिक है, तो लोकल मकैनिक भी चलेगा, लेकिन अगर पहली बार सर्विसिंग करा रहे हैं तो कंपनी का मकैनिक ही सही रहेगा।
-एसी के नीचे की वॉटर ट्रे को साफ करें। देखें कि सारे पाइप और आउटलेट्स साफ हों, उनमें धूल न फंसी हो।
-गैस का प्रेशर सर्विसिंग से पहले और बाद में चेक करवा कर देखें।
-महीने में एक बार फिल्टर निकाल कर खुद साफ कर लें।
-सीजन खत्म हो जाए तो ढककर रखें।
कुछ और टिप्स
-एसी को बिना स्टेबललाइजर न चलाएं, वरना लोड पड़ने या वोल्टेज घटने-बढ़ने पर एसी खराब हो सकता है।
-एसी नहीं चला रहे हों तो स्विच बोर्ड से ऑफ करें, वरना बेकार ही बिजली खर्च होगी साथ ही एसी गर्म भी होगा।
-परदे आदि को एसी के वायर से दूर रखें। कुछ दिनों के लिए बाहर जा रहे हैं तो प्लग को बोर्ड से निकाल दें। शॉर्ट सर्किट से आग का खतरा कम होगा।
वॉशिंग मशीन कहां और कैसे रखें:
-मशीन को दीवार से 1 फुट दूर रखें और ऐसे रखें कि जमीन पर अच्छी तरह स्थिर हो, वरना धुलाई के दौरान बहुत ज्यादा हिलेगी और पुर्जों के ढीले पड़ने का खतरा होगा।
-मशीन को कवर्ड जगह पर रखें। बाथरूम में रखते हैं तो ध्यान रखें कि उस पर पानी न पड़े, वरना बॉडी खराब हो सकती है। खुली जगह (बालकनी, लॉन आदि) में रखा है, तो धूल-मिट्टी से बचाने के लिए उसे कवर से ढक कर रखें।
-डायरेक्ट धूप पड़ने से बचाएं, वरना मशीन की प्लास्टिक बॉडी में क्रैक आ सकते हैं।
साफ-सफाई
-कपड़ों को साफ-सुथरा और खुशबूदार बनाए रखने के लिए जरूरी है कि मशीन को साफ-सुथरा रखें।
-2-3 महीने में एक बार जरूर खाली मशीन को रिंज मोड में लगा कर चला दें। मार्केट में ऐसे डिटर्जेंट भी आते हैं, जिनका काम ही मशीन की सफाई करना है। उनका सैशे लें और मशीन में डाल कर रिंज मोड में चला दें।
-लेटेस्ट मशीनों में टब क्लीनिंग फंक्शन भी होता है। उसे ऑन करने से टब साफ हो जाते हैं। यह फंक्शन नहीं है और मशीन सेमी ऑटोमैटिक है तो महीने में एक बार गर्म पानी और एक-तिहाई कप बेकिंग सोडा डालकर उसे चलाएं, इससे मशीन के टब साफ हो जाएंगे।
-वॉशिंग मशीन के पाइप आदि को नियमित अंतराल पर चेक करते रहें, ताकि अगर पानी लीक हो रहा हो, तो आपको वक्त रहते उसके बारे में पता चल सके।
-कपड़ों की धुलाई के दौरान ड्रम तेजी से घूमता है, इससे मशीन के भीतर कपड़ों से निकली भाप जमा हो जाती है। यह मशीन को खराब कर सकती है। ऐसे में एक बार कपड़े धोने के बाद कम-से-कम 2 घंटे मशीन के ढक्कन को खुला छोड़ दें। इससे न केवल भाप बाहर निकल जाएगी, बल्कि मशीन को आराम भी मिल जाएगा।
-वॉशिंग मशीन में कभी भी गीले कपड़े लंबे वक्त के लिए न छोड़ें। इससे कपड़ों के संग मशीन को भी नुकसान होता है।
टॉप टिप्स
-वॉशिंग मशीन में उतने ही कपड़े डालें, जितनी उसकी क्षमता है बल्कि 15-20 फीसदी कम ही डालेंगे तो बेहतर है।
-ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन यूज करने वाले अक्सर मशीन को मेन प्लग से स्विच ऑफ नहीं करते और न ही पानी के कनेक्शन को बंद करते हैं। लगातार लंबे वक्त तक पावर सप्लाई से सेंसेटिव सर्किट गर्म होकर खराब हो सकते हैं। स्विच ऑफ न करने से बिजली की खपत भी लगातार होती रहती है।
-पानी को बंद न करने से पानी के प्रेशर का लोड लगातार मशीन पर बना रहता है। इससे मशीन के भीतर वॉशर पर जोर पड़ने से खराबी की आशंका बनी रहती है।
-देखें कि कपड़ों की धुलाई के वक्त कोई सिक्का आदि जेब में न रह जाए, वरना कपड़ों के साथ-साथ मशीन में भी खरोंच आ सकती है।
टीवी/एलसीडी/एलईडी कहां और कैसे रखें –
एलजी में होम एंटरटेनमेंट सेक्शन के बिजनेस हेड संजय चितकारा के मुताबिक टीवी या एलईडी को धूल और मॉश्चर से बचाना जरूरी है।-टीवी को खिड़की या दरवाजे के बिल्कुल सामने न रखें। इसे एसी के बिल्कुल करीब भी न लगाएं। एसी के नीचे लगाना ही है तो टीवी और एसी के बीच में एक ग्लास की शेल्फ लगवा लें।
-टीवी चूंकि ग्लास का बना होता है, उसे किसी भी शॉक, वाइब्रेशन या झटके से बचाना बहुत जरूरी है।
-किसी भी टीवी को लगाने या हटाने से पहले उसका मैन्युअल पढ़ लें और उसी के अनुसार स्टॉलेशन कराएं। कंपनी के टेक्नीशियन को बुलाकर ही टीवी फिक्स कराएं।
-टीवी को आप जितनी हिफाजत से रखेंगे, वह उतना ही लंबा चलेगा। वैसे एलईडी की औसत उम्र 60 हजार घंटे होती है। ऐसे में ढंग से चलाने पर यह बरसों सही चल सकता है।-टीवी के पीछे लगे वेंट और दीवार के बीच करीब 4 इंच की दूरी जरूरी है।
साफ सफाई-
-टीवी के स्क्रीन की रेग्युलर सफाई जरूरी है। इसके लिए मार्केट में स्क्रीन क्लीनर मिलता है। इनकी कीमत 200 से 500 रुपये प्रति बोतल हो सकती है।
-घर पर भी टीवी क्लीनर लिक्विड बनाया जा सकता है। सफेद वेनेगर में बराबर मात्रा में पानी मिलाकर क्लीनर बनाया जा सकता है। टीवी के अलावा दूसरी ग्लास स्क्रीन्स को साफ करने में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
-टीवी की सफाई करने के लिए चश्मा साफ करने वाले कपड़े का इस्तेमाल सही रहता है। इससे रेशे स्क्रीन पर नहीं चिपकते। मार्केट से इस तरह का क्लीनिंग क्लॉथ 20-50 रुपये में मिल जाता है।
-स्क्रीन की सफाई हमेशा हल्के हाथ से ही करें। इस बात का ध्यान रखें कि टीवी की स्क्रीन बहुत स्मूद ग्लास की बनी है, जिसको रगड़ कर साफ करने से उस पर खरोंच आ सकती है। इससे विजिबिलटी पर असर पड़ सकता है।
-स्क्रीन के अलावा फ्रेम को साफ करने के लिए पहले क्लीनर से भीगे कपड़े से साफ करें उसके बाद सूखे कपड़े से पोछ दें।
-अक्सर लोग टीवी के फ्रंट साइड की सफाई तो करते हैं लेकिन पीछे की सफाई छोड़ देते हैं। टीवी के पीछे भी सफाई करें। इसके लिए वैक्यूम क्लीनर का इस्तेमाल सही रहता है।
टॉप टिप्स-
-टीवी के अटैचमेंट जैसे डीटीएच, स्पीकर, डीवीडी प्लेयर आदि को मल्टी प्लग के बजाय एक्सटेंशन के जरिए अलग-अलग पावर सोर्स से जोड़ें। वरना शॉर्ट होने का खतरा बना रहता है।
-हैंगिग पोजिशन में टीवी के लगे होने पर यूएसबी आदि अटैच करते वक्त सावधानी बरतें वरना टीवी गिर भी सकता है। अक्सर जल्दबाजी में यूएसबी डालने निकालने के प्रोसेस में पोर्ट खराब भी हो जाता है।
-टीवी के आसपास तारों के जमावड़े से बचने के लिए तारों को करीने से फोल्ड करके किसी तार से बांध दें और टीवी के पीछे या टीवी स्टैंड में भीतर की तरफ रख दें। इससे टीवी के आसपास काफी साफ सुथरा नजर आएगा।
वॉटर प्यूरिफायर कहां और कैसे रखें –
-इसे किचन में ही लगवाना बेहतर है। जिससे पास ही वॉटर टैप से उसे जोड़ा जा सके लेकिन आसपास ज्यादा सामान न हो तो बेहतर।
-हर तीन महीने में पानी की क्वॉलिटी जरूर चेक कराएं क्योंकि फिल्टर जल्दी ही खराब हो जाते हैं।
-पानी की क्वॉलिटी जांच के लिए टोटल डिसॉल्व सॉलिड चेक कराएं।
-ध्यान रखें कि सीलिंग का हाल ठीक हो ताकि ऊपर से गंदगी न गिरे।
-प्यूरिफायर से निकालने के बाद भी पानी की सफाई पर ध्यान नहीं देंगे तो प्यूरिफाई करने का कोई फायदा नहीं। प्यूरिफायर से निकालकर पानी को प्लास्टिक की बोतलों के मुकाबले स्टील में स्टोर करना बेहतर है।
साफ सफाई-
-मार्केट में कई तरह के वॉटर प्यूरिफायर आते हैं इसलिए सबको साफ करने का तरीका अलग-अलग होता है।
-साधारण वॉटर प्यूरिफायर को डिस्मेंटल करने के बाद वॉशिंग पाउडर डाल कर धो सकते हैं। पूरी तरह सूखने के बाद ही इसमें दोबारा पानी भरें।
-आरओ और मेंबरेन वाले दूसरे प्यूरिफायर किसी मकैनिक से ही साफ करवाएं। अब वॉटर प्यूरिफायर की कंपनियां आफ्टर सेल सर्विस के तौर पर मेंबरेन बदलना और क्लीनिंग भी करती हैं। साल भर का एक मुश्त चार्ज देकर वक्त-वक्त पर इसकी सफाई करवाई जा सकती है।
टॉप टिप्स-
-चूंकि ज्यादातर प्यूरिफायर रनिंग वॉटर पर चलते हैं ऐसे में गर्मी के मौसम में टंकियों में भरा गरम पानी इसे नुकसान पहुंचा सकता है। इससे समस्या से निपटने के लिए या तो डायरेक्ट पानी की सप्लाई से प्यूरिफायर को कनेक्ट करें या सुबह मौसम ठंडा होने पर प्यूरिफायर में पानी भर लें और प्यूरिफायर को स्विच ऑफ कर दें।
-हर इलाके के पानी में मिनरल का कंपोजिशन अलग-अलग होता है इसलिए पानी की जांच के बाद ही जरूरत के मुताबिक वॉटर प्यूरिफायर लगवाएं।
-प्यूरिफायर के अलग-अलग हिस्से की गारंटी-वॉरंटी अलग-अलग होती है। इनका गणित भी अच्छी तरह से समझें।
माइक्रोवेव-
माइक्रोवेव को दीवार से करीब 6 इंच दूर जरूर रखें। माइक्रोवेव सिस्टम को ठंडा होने के लिए कुछ जगह की जरूरत होती है।
-किचन के किसी छोटे कोने की बजाय इसे किसी हवादार जगह पर रखें। मिसाल के तौर पर टेरेस या लिविंग रूम।
-इसके ऊपर सामान न रखें।
साफ सफाई-
-ध्यान रखे कि इसमें लिक्विड न गिरे, वरना खराब हो जाएगा।
-यूज करने के बाद हर बार साफ कपड़े से क्लीन कर दें।
-हर दो दिन में एक बाउल पानी रखकर 1 मिनट के लिए चला दें। भाप को कपड़े से पोंछ दें। इससे माइक्रोवेव अंदर से साफ हो जाएगा।
-माइक्रोवेव के बाहर की सफाई के लिए क्लीनर डालने के बाद साफ कपड़े से हर दो-तीन दिन बाद पोछें। इससे यह ज्यादा गंदा नहीं होगा और सफाई में मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।
-किसी भी लिक्विड को गर्म करते वक्त ध्यान रखें कि कहीं वह उबल कर माइक्रोवेव के भीतर फैल न जाए। ऐसा होने से माइक्रोवेव खराब हो सकता है।
टॉप टिप्स-
-माइक्रोवेव सेफ बर्तन ही यूज करें। प्लास्टिक के बजाय शीशे के बर्तन इस्तेमाल करने चाहिए क्योंकि प्लास्टिक ज्यादा गर्म होने पर खाने के साथ रिऐक्शन कर सकती है।
-माइक्रोवेव में अल्यूमिनियम फॉयल, पॉलिथीन का इस्तेमाल न करें।
-मिठाइयों में भी सजावटी तौर पर सिल्वर फॉयल जैसी चीजों का इस्तेमाल होता है। इन्हें माइक्रोवेव में रखते ही वैसा ही रिऐक्शन होगा जैसा किसी मेटल को माइक्रोवेव में रखने पर होता है। यह माइक्रोवेव को खासा नुकसान पहुंचा सकता है।
मिक्सर ग्राइंडर-
-मिक्सर ग्राइंडर को भी ऐसी जगह पर रखें जिसके आसपास कम से कम 2 फुट की जगह हो। इससे इस्तेमाल की गई चीजों को सहेजने में आसानी होगी।
-मिक्सर यूज करने से पहले यह जरूर जांच लें कि जार ढंग से लॉक हुआ है या नहीं। अगर जार ढंग से लॉक नहीं होगा तो मिक्सर के ब्लेड्स टूट सकते हैं।
-मिक्सर को ऑन करते ही सबसे तेज स्पीड में न चलाएं, ऐसा करने से मिक्सर के मोटर पर काफी प्रेशर पड़ जाता है। सबसे धीमे स्पीड से ऑन करें और धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं।
-मिक्सर के जार में कभी भी बेहद गर्म चीजें न डालें। पहले टेंपरेचर नॉर्मल होने दें, फिर उन्हें जार में डालें।
-मिक्सर का इस्तेमाल करते वक्त हमेशा जार के ऊपर अपना हाथ रखें, वरना ढक्कन के खुलने की आशंका रहती है।
-जार को कभी भी पूरा नहीं भरें। जार पूरा भरा हो तो मोटर पर ज्यादा प्रेशर पड़ता है और साथ ही आपके सामान का पेस्ट भी बारीक तैयार नहीं होगा। मिक्सर को लगातार न चलाएं। इससे मोटर खराब भी हो सकती है।
साफ सफाई-
-मिक्सर के ब्लेड को शार्प रखने के लिए महीने में एक बार मिक्सर के जार में थोड़ा-सा नमक डालकर मिक्सर को चलाएं। इससे मिक्सर अच्छी तरह से साफ भी हो जाएगा और मिक्सर के ब्लेड्स भी शार्प रहेंगे।
-महीने में एक बार ब्लेड को खोल कर साफ करें। इससे अंदर तक जमा हो चुकी गंदगी साफ हो जाएगी।
-हो सके तो कुछ भी पीसते या मिक्स करते वक्त सफाई वाला कपड़ा साथ रखें। कुछ भी गिरने या फैलने की सूरत में तुरंत साफ कर लें।
-मिक्सर की सफाई बॉटल ब्रश से भी काफी अच्छी होती है। किसी भी तरह के लिक्विड को मिक्स करने के बाद या तो तुरंत मिक्सर के कंटेनर की सफाई कर दें या उसमें पानी भर कर रखें वरना सूखने के बाद साफ करना मुश्किल भरा हो सकता है।
टॉप टिप्स-
-लिक्विड मिक्सर फाइबर और प्लास्टिक के भी आते हैं। इनमें लस्सी या शेक बनाते वक्त बर्फ के बड़े टुकड़े डालने से बचें वरना यह टूट भी सकते हैं। बर्फ को क्रश करके डालें।
-जो जार जिस काम के लिए है, उससे वही काम लें। ज्यादा मसाला पीसने के चक्कर में बड़े जार का इस्तेमाल नुकसान पहुंचा सकता है।
-मार्केट में डोमेस्टिक और प्रफेशनल दोनों कैटिगरी के मिक्सर आते हैं। ऐसे में घरेलू मिक्सर ग्राइंडर से हैवी ड्यूटी काम न लें। एक बार इस्तेमाल के बाद कम से कम आधा घंटे का ब्रेक जरूर दें।